वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद से मांगी 21,246.16 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च की मंजूरी
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने गुरुवार को संसद से 21,246.16 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च के लिए मंजूरी मांगी है। निर्मला सीतरमण ने बताया कि इस अतरिक्त खर्च में नए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विकास कार्यों पर खर्च होने वाले 8,820 करोड़ रुपये भी जोड़े गए हैं। लोकसभा में अपने बयान में उन्होंने कहा कि मांगी गई कुल राशि में से नकदी खर्च सिर्फ 18,995.51 करोड़ रुपये का होगा।
वित्त मंत्री ने पहले अनुदान मांग के तहत 8,820 करोड़ रुपये जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए मांगा है। उन्होंने बताया कि यह प्रावधान 14वें वित्त आयोग के आवंटन के तहत जम्मू कश्मीर के हिस्सेदारी के एवज में किया गया है। निर्मला सीतारमण ने आईडीबीआई बैंक लिमिटेड में पुनर्पूंजीकरण बांड को जारी करके अपने हिस्से के तौर पर संसद से 2500 करोड़ रुपये के अनुदान की मांगों की मंजूरी मांगी है। इसके अलावा वित्त मंत्री ने सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस के वेतन और राशन पर खर्च होने वाले 3387.46 करोड़ रुपये की मंजूरी मांगी है।
जीडीपी
को
लेकर
कही
थी
ये
बात
राज्यसभा
में
बुधवार
को
विपक्ष
के
आरोपों
पर
पलटवार
करते
हुए
वित्त
मंत्री
निर्मला
सीतारमण
ने
कहा
कि
आप
देश
के
हालात
को
समझदारी
से
देख
रहे
हैं
तो
देख
सकते
हैं
कि
मंदी
कहीं
नहीं
है।
विकास
में
कमी
जरूर
आई
है
लेकिन
इसे
मंदी
नहीं
कहा
जा
सकता।
बता
दें,
निर्मला
सीतारमण
ने
विपक्ष
के
जीडीपी
वृद्धि
कमी
और
बेरोजगारी
बढ़ने
के
आरोपों
का
आज
राज्यसभा
में
जवाब
दिया।
विपक्ष
के
इस
आरोप
का
दिया
जवाब
अर्थव्यवस्था
में
नकदी
की
कमी
होने
के
आरोपों
को
खारिज
करते
हुए
वित्त
मंत्री
ने
कहा
कि
लोन
मेले
में
बैंकों
ने
2.5
लाख
करोड़
रुपये
के
कर्ज
दिए
हैं
इसके
अलावा
बैंकों
को
70
हजार
करोड़
रुपय
की
पूंजी
दी
गई
जिससे
अर्थव्यवस्था
में
नकदी
बढ़ी
है।
वित्त
मंत्री
निर्मला
सितारमण
के
मुताबिक
जीडीपी
ग्रोथ
में
गिरावट
की
वजह
बैंको
में
दोहरी
बैलेंस
शीट
की
समस्या
है
जिसकी
वजह
से
दो
वित्त
वर्षों
में
रफ्तार
घटी
है।
उधर,
कांग्रेस
वित्त
मंत्री
के
बयान
से
असंतुष्ट
दिखाई
दी
और
सितारमण
के
जवाब
के
बाद
सदन
से
वॉकआउट
कर
दिया।
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