अप्रैल-सितंबर के बीच सरकारी बैंकों में 95700 करोड़ का फर्जीवाड़ा हुआ: निर्मला सीतारमण
Recommended Video
नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी बैंकों में 95700 करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष के पहले छह महीने में सरकारी बैंकों में 95700 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा हुआ। निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में इस बाबत जानकारी देते हुए कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार पब्लिक सेक्टर बैंकों में 1 अप्रैल 2019 से 30 सितंबर 2019 के बीच कुल 5743 फर्जीवाड़े के मामले सामने आए हैं, जिसमे कुल ल95760.59 करोड रुपए का फर्जीवाड़ा हुआ है।
राज्यसभा में अपने लिखित जवाब में निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए काफी व्यापक उपाय किए गए हैं। बैकों में 3.38 लाख निष्क्रिय बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है। एक और सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैक में ग्राहकों के पैसा निकालने की सीमा 50 हजार रुपए किए जाने के बाद बैंक के 78 फीसदी ग्राहक अपना 100 फीसदी पैसा बैंक से निकाल सकते हैं। 23 सितंबर 2019 तक पीएमसी बैंक में कुल 915775 ग्राहक हैं, जिनके पैसे बैंक में जमा हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में सरकार ने कई बैंकों के विलय का ऐलान किया था। जिसके बाद अब सरकार बीमा कंपनियों के विलय को लेकर विचार कर रही है। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बारे में ऐलान किया है, जिसके तहत 3 सरकारी बीमा कंपनियों के विलय का फैसला लिया गया है। केंद्र सरकार तीन सरकारी जनरल बीमा कंपनियों (PSU) के विलय की तैयारी कर रही है, जिसमें नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड , युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और ओरिएंटल इंश्योरेंस लिमिटेड के नाम शामिल किए गए हैं।