मोदी सरकार का बड़ा फैसला, भारत पेट्रोलियम समेत 5 PSU को बेचने पर लगाई मुहर
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में मोदी सरकार ने आर्थिक सुधार के लिए कई बड़े फैसले लिए। इसमें भारत पेट्रोलियम (BPCL) में विनिवेश समेत पांच प्रमुख सार्वजनिक उपक्रमों (PSU) में सरकार की हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दे दी। इनमें हिस्सेदारी बेचने के साथ प्रबंधन नियंत्रण भी दूसरे हाथों में सौंपा जाएगा। पीएम की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल बैठक के बाद वित्त मंत्री ने यह जानकारी प्रेस को दी।
सार्वजनिक उपक्रमों में सरकारी हिस्सेदारी 51% से नीचे लाने को मंजूरी
बुधवार की शाम कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक उपक्रमों में सरकारी हिस्सेदारी 51% से नीचे लाने को मंजूरी दी है। कैबिनेट ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के रणनीतिक विनिवेश को भी मंजूरी दे दी है। बीपीसीएल के निजीकरण से पहले नुमालीगढ़ रिफाइनरी को उससे अलग किया जाएगा और किसी दूसरी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी द्वारा इसका अधिग्रहण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नुमालीगढ़ रिफाइनरी को बीपीसीएल के नियंत्रण से बाहर कर सरकार पेट्रोलियम कंपनी में अपनी 53.29% हिस्सेदारी बेचेगी।
5 प्रमुख सार्वजनिक उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी
केंद्रीय कैबिनेट ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल), भारतीय जहाजरानी निगम और कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया समेत 5 प्रमुख सार्वजनिक उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दे दी। सीतारमण ने कहा कि टीएचडीसीआईएल में केन्द्र सरकार की हिस्सेदारी खरीदेगी एनटीपीसी। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने कॉनकॉर, टीएचडीसीआईएल में प्रबंधन नियंत्रण सौंपने के साथ रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी दी।
टेलीकॉम कंपनियों की स्पेक्ट्रम फीस 2 साल टाली
सीतारमण ने कहा कि, नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (नीपको) में भी सरकार की हिस्सेदारी खरीदेगी एनटीपीसी। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रबंधन नियंत्रण के साथ भारतीय जहाजरानी निगम के रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी दी। इसके अलावा कैबिनेट ने दूरसंचार कंपनियों को राहत देते हुए 2020-21 और 2021-22 के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी भुगतान की किस्त को टाल दिया है। एयरटेल, वोडाफोन आइडिया, रिलायंस जियो को स्पेक्ट्रम भुगतान पर दो साल रोक की सुविधा से 42,000 करोड़ रुपए की राहत मिलेगी। स्पेक्ट्रम के टले भुगतान को शेष बची किस्तों में बिना समय बढ़ाए बराबर बांटा जाएगा। दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम के टले भुगतान पर लागू होने वाले ब्याज का भुगतान करना होगा।
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