मनमोहन सिंह और रघुराम राजन के दौर में सबसे बुरा था बैंको का हाल- निर्मला सीतारमण
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इन दोनों के रहते हुए सरकारी बैंकों की हालत सबसे बुरी थी। उन्होंने कहा कि यूपीए कार्यकाल में सरकारी बैंक सबसे बुरे दौर से गुजर रहे थे। निर्मला सीतारमण कोलंबिया यूनवर्सिटी में एक लेक्चर के दौरान ये बयान दिया।
मनमोहन और राजन पर सीतारमण क्या बोली?
निर्मला सीतारमण ने रघुराम राजन का जिक्र करते हुए कहा कि मैं रघुराम राजन सम्मान करती हूं, लेकिन आपके सामने एक तथ्य रखती हूं कि भारत के सरकारी बैंकों ने रघुराम राजन और मनमोहन सिंह के साथ रहते हुए सबसे बुरा दौर देखा। गौरतलब है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे और रघुराम राजन गवर्नर थे। उस समय कोई इस बारे में नहीं जानता था।
'बैड लोन बढ़ गए थे'
उन्होंने कहा कि इस दौर में सरकारी बैंको के बैड लोन काफी बढ़ गए थे। साल 2011-12 में ये 9,190 करोड़ रुपये था, जो साल 2013-14 में बढ़कर 2.16 लाख करोड़ हो गया। आरबीआई के मुताबिक ये बढ़ोतरी 50 फीसदी से अधिक थी। गौरतलब है कि मई 2014 में पीएम मोदी की अगुवाई में एनडीए सरकार को सत्ता मिली थी। इससे पहले दस साल तक मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए सरकार ने लगातार दस साल तक केंद्र में शासन किया था।
मंदी की वजह से झेल रही हैं आलोचना
निर्मला सीतारमण को अर्थव्यवस्था में मंदी कीव वजह से आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सितंबर में कॉरपोरेट टैक्स में कमी का एलान किया, जिसका उद्देश्य अर्थव्यवस्था में जान फूकंना था। हालांकि इसमें राजकोषीय घाटा बढ़ने का जोखिम लिया गया। इस कटौती से सरकार में आय में कमी आएगी। गौरतलब है कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और पूर्व गवर्नर राजन दोनों ही मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के घोर आलोचक हैं। इसमें साल 2016 में अचानक लागू की गई नोटबंदी भी है। इनका कहना है कि इसने नकदी पर आधारित अनौपचारिक अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी।
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