वित्त मंत्री ने बताया कोरोना संकट के दौरान केंद्र ने किस तरह की राज्यों की मदद
नई दिल्ली। लॉकडाउन के बीच पूरा देश आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। तमाम उद्योग-धंधे बंद पड़े हैं। करोड़ो कामगार, मजदूर बेरोजगार हैं और आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं। इन तमाम मुश्किलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है। इस पैकेज की विस्तार से जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच दिन चली मैराथन प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए दी है। आज वित्त मंत्री ने सात अहम ऐलान किए हैं, जिसमे राज्य सरकार की मदद के लिए भी कई अहम ऐलान किए गए हैं।
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राजस्व
संकट
के
दौर
में
मदद
कोरोना
संकट
में
राज्य
सरकारों
पर
राजस्व
का
काफी
अकाल
है
और
उन्हें
इस
संकट
से
निपटने
के
लिए
आर्थिक
मदद
की
जरूरत
है।
ऐसे
में
सरकार
ने
राज्यों
को
मदद
देने
के
लिए
वर्ष
2020-21
के
लिए
नेट
बोरोइंग
सीलिंग
ग्रोस
स्टेट
डोमेस्टिक
यानि
GSDP
को
3
फीसदी
से
बढ़ाकर
पांच
फीसदी
कर
दिया
है।
राज्यों
को
इसके
75
फीसदी
को
मार्च
2020
में
लेने
के
लिए
अधिकृत
किया
गया
था।
लेकिन
राज्यों
ने
सिर्फ
14
फीसदी
ही
उधार
लिया
है
जबकि
86
फीसदी
अभी
भी
बकाया
है।
फंड
रिलीज
किया
सरकार
की
ओर
से
कहा
गया
है
कि
राज्य
इस
अभूतपूर्व
स्थिति
के
मद्देनजर
अनुरोध
किया
था,
जिसे
स्वीकार
करते
हुए
सरकार
ने
राज्यों
की
उधार
सीमा
को
3
फीसदी
से
बढ़ाकर
5
फीसदी
कर
दिया
है।
यह
सिर्फ
2020-21
तक
के
लिए
ही
किया
गया
है।
इस
कदम
से
राज्य
सरकारों
को
4.28
लाख
करोड़
रुपए
के
अतिरिक्त
संसाधन
मिलेंगे।
अप्रैल
के
पहले
सप्ताह
में
एसडीआरएफ
के
तहत
11091
करोड़
रुपए
जारी
किए
गए,
प्रत्यक्ष
कोविड
गतिविधियों
के
लिए
स्वास्थ्य
मंत्रालय
ने
4113
करोड़
अधिक
रुपए
दिए।
केंद्र
के
अनुरोध
पर
आरबीआई
ने
भी
वृद्धि
की।
रेवेन्यू
डेफिसिट
की
जानकारी
सरकार
की
ओर
से
कहा
गया
है
कि
अप्रैल
में
करों
का
विचलन
46038
करोड़
रुपए
पूरी
तरह
से
किया
गया।
यही
नहीं
अप्रैल
मई
में
राज्यों
को
रेवेन्यू
डेफिसिट,
ग्रांट्स
12390
करोड़
रुपए
का
समय
पर
दिया
गया।
बता
दें
कि
आज
लगातार
पांच
दिनों
से
आर्थिक
पैकेज
को
लेकर
जो
ऐलान
हो
रहे
थे
वह
खत्म
हो
गए
हैं।
बहरहाल
देखने
वाली
बात
यह
है
कि
क्या
इस
पैकेज
से
राज्यों
को
राहत
मिलती
है।