राफेल डील को लेकर राहुल के आरोपों पर फ्रांस से सीतारमण की सफाई
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नई दिल्ली। तीन दिन के दौरे पर फ्रांस गई रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि वो राफेल डील को लेकर सरकार पर लग रहे आरोप गलत हैं। उन्होंने सरकार की तरफ से अनिल अंबानी की कंपनी को साझेदार बनाने के लिए दबाव की बात को नकारते हुए कहा कि रिलायंस डिफेंस से साझेदारी का फैसला पूरी तरह से दसॉल्ट का था। रक्षामंत्री ने एनडीटीवी से कहा कि कांग्रेस का उनके दौरे का मकसद पीएम के फैसले को न्यायसंगत बनाने के कोशिश बताना पूरी तरह से गलत है।
रक्षामंत्री
सीतारमण
राफेल
बनाने
वाली
कंपनी
दसॉल्ट
एवीएशन
का
दौरा
भी
करेंगी।
उन्होंने
कहा
है
कि
उन्हें
इसके
लिए
इंविटेशन
मिला
है
और
वो
निश्चित
रूप
से
वहां
जाएंगे।
फ्रांस
के
इंवेस्टिगेटिव
जरनल
मीडियापार्ट
के
इस
दावे
पर
कि
राफेल
डील
से
जुड़े
दसॉल्ट
एवीएशन
के
लिए
इस
डील
को
करने
के
लिए
रिलायंस
को
इसका
साझेदारी
जरूरी
थी।
सीतारमण
ने
कहा
कि
ये
दो
देशों
के
बीच
की
डील
है,
इसमें
किसी
कंपनी
को
रखना
जरूरी
नहीं
किया
गया
था।
दसॉल्ट के दस्तावेजों से खुलासा, राफेल डील के लिए 'अनिवार्य' थी रिलायंस से साझेदारी: रिपोर्ट
बता दें कि रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार रात तीन दिवसीय यात्रा पर फ्रांस रवाना हुईं हैं। फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट एवीएशन से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के मुद्दे पर विवाद के बीच सीतारमण फ्रांस की यात्रा पर गई हैं। उनके दौरे पर राहुल गांधी ने कहा है कि पीएम के फैसले को न्यायसंगत बनाने के लिए रक्षामंत्री फ्रांस के लिए जा रहीं है।
फ्रांस के साथ 36 राफेल एयरक्राफ्ट को लेकर लगातार सरकार पर घपले का आरोप लग रहा है। विपक्षी पार्टियों के नेता और कुछ दूसरे संगठन लगातार राफेल के सौदे में अंबानी की कंपनी का फायदा पहुंचाने की बात कह रहे हैं। इन आरोपों को सरकार लगातार नकार रही है।
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