दोषी पवन की याचिका पर निर्भया की मां बोलीं- ये केवल फांसी में देरी करने का एक हथकंडा
नई
दिल्ली।
निर्भया
गैंगरेप-मर्डर
केस
में
दोषियों
के
खिलाफ
नया
डेथ
वारंट
जारी
होने
के
बाद
तिहाड़
जेल
में
फांसी
की
तैयारियां
शुरू
हो
चुकी
हैं।
इसी
बीच
चारों
दोषियों
में
से
एक
पवन
कुमार
गुप्ता
ने
सुप्रीम
कोर्ट
में
स्पेशल
लीव
पिटिशन
दायर
की
है
जिस
पर
सुप्रीम
कोर्ट
में
आज
सुनवाई
होनी
है।
वहीं,
सुप्रीम
कोर्ट
में
होने
वाली
इस
सुनवाई
से
पहले
निर्भया
की
मां
का
बड़ा
बयान
आया
है।
ये केवल फांसी में देरी करने का एक हथकंडा- आशा देवी
निर्भया की मां ने कहा कि ये केवल फांसी को टालने का हथकंडा है, उसकी याचिका 2013 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द कर दी गई थी। इसके बाद रिव्यू पिटीशन भी कोर्ट ने खारिज कर दी थी। वह सिर्फ समय बर्बाद करने के लिए ऐसा कर रहा है। आशा देवी ने कहा कि सभी दोषियों को 1 फरवरी को ही फांसी दी जानी चाहिए। इसके पहले नया डेथ वारंट जारी किए जाने पर आशा देवी ने निराशा जाहिर की थी।
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दोषी पवन की याचिका पर आज सुनवाई
आशा देवी ने कहा था, 'जो मुजरिम चाहते थे वही हो रहा है...तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख। हमारा सिस्टम ऐसा है कि जहां दोषी की सुनी जाती है।' उन्होंने कहा था कि पहले तारीख पर तारीख दी जाती थी, अब डेथ वॉरंट पर डेथ वॉरंट जारी किए जा रहे हैं, जब तक दोषियों को फांसी नहीं होगी, मुझे शांति नहीं मिलने वाली है।' वहीं, हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद पवन ने वारदात के वक्त नाबालिग होने का दावा करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
दोषी का दावा, अपराध के वक्त वह नाबालिग था
पवन ने अपनी याचिका में दावा किया है कि वह अपराध के समय नाबालिग था और उसके साथ नाबालिग कैदी जैसा ही व्यवहार किया जाए। पवन ने यह भी दावा किया है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान उसके नाबालिग होने के तथ्य की अनदेखी की थी, लिहाजा इस पर सुप्रीम कोर्ट विचार करे। बता दें कि दिल्ली की एक अदालत ने डेथ वारंट जारी करते हुए 22 जनवरी को फांसी देने का आदेश दिया था लेकिन दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका के चलते फांसी टाल दी गई थी। राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज होने के बाद कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी किया है।