'हाथ जोड़ती हूं, बेटी के दरिंदों का डेथ वारंट जारी कर दीजिए जज साहब', कह कोर्ट में रो पड़ीं निर्भया की मां
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नई दिल्ली। निर्भया के दरिदों का नया डेथ वारंट जारी कराने की मां को लेकर आज ट्रायल कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने दोषी पवन गुप्ता को कानूनी मदद देने की पेशकश की क्योंकि उसके पास कोई वकील नहीं है। कोर्ट द्वारा दोषी की सहायत देने की बात पर निर्भया की मां ने कोर्ट में कहा- मामले को 7 साल हो चुके हैं। मैं भी इंसान हूं, मेरे अधिकारों का क्या होगा? मैं आपके सामने हाथ जोड़ती हूं, कृपया डेथ वॉरंट जारी कर दीजिए। इतना कहते निर्भया की मां फफक कर रो पड़ीं। उसके बाद दोपों पक्षों की दलीलें सुनी गईं और कोर्ट ने सुनवाई कल तक के लिए स्थगित कर दी। निर्भया की मां रोते हुए कोर्ट से बाहर निकल गई। निकलते हुए उन्होंने कहा कि मैं अब भरोसा और विश्वास खोती जा रही हूं। कोर्ट को यह जरूर समझना होगा कि दोषी देरी करने के लिए लगातार हथकंडे अपना रहे हैं।
निर्भया के पिता ने कही से बात, जज ने दिया ऐसा जवाब
सुनवाई के दौरान निर्भया के पिता ने जज से कहा कि अगर आज दोषियों को वकील दिया जाता है तो यह निर्भया के साथ अन्याय होगा। जज ने इस पर कहा कि कानून ने दोषियों को कुछ अधिकार दे रखे हैं। उन्हें वे अधिकार लेने न दिए जाएं, तो फिर अन्याय होगा। इसे पहले इस मामले पर मंगलवार को हुई सुनवाई में भी निर्भया के माता-पिता ने अदालत से कहा था कि दोषी करार दिए गए व्यक्ति कानून का मजाक उड़ा रहे हैं।
निर्भया की मां की वकील ने क्या कहा
निर्भया के मां की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा, ''आज तक किसी भी दोषी की कोई याचिका अभी कही लंबित नहीं है। ऐसे में कोर्ट द्वारा दोषियों को नया डेथ वारंट जारी किया जाना चाहिए।'' जज ने कहा कि सवाल अभी भी वही है कि दोषी पवन को लीगल ऐड देना जरूरी है। पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनवाई कल तक के लिए टाली। कल अब इस मामले की सुनवाई होगी। दोषी पवन को लीगल ऐड के जरिये वकील देने के लिए आज की सुनवाई टली। कोर्ट की सुनवाई कल टालने के बाद निर्भया की मां कोर्ट रूम में रो पड़ी। मां ने कहा कि हमेशा दोषियों को सुना जाता है हमें नहीं। निर्भया की मां कोर्ट रूम से बाहर चली गई।
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2 बार जारी हो चुका है डेथ वारंट
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट चारों दोषियों के खिलाफ 2 बार डेथ वारंट जारी कर चुकी है। इसी साल 7 जनवरी को कोर्ट ने पहली बार डेथ वारंट जारी किया था जिसमें 22 जनवरी को चारों दोषियों को सुबह 7 बजे फांसी देने का कहा गया था। इसके बाद 17 जनवरी को कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी करते हुए फांसी की तारीख आगे बढ़ाते हुए 1 फरवरी की थी और फांसी का वक्त सुबह 6 बजे का तय किया था। लेकिन दोषियों की ओर से कोर्ट और राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की जाने की वजह से इस दिन भी फांसी नहीं हो सकी थी।
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