Nirbhaya Justice: निर्भया के थे 6 गुनाहगार, 4 तो फांसी पर लटके, जानिए बाकी 2 कहां हैं?
नई दिल्ली। तिहाड़ जेल के फांसी घर में शुक्रवार सुबह ठीक 5.30 बजे निर्भया के चारों गुनाहगारों को फांसी दे दी गई, निर्भया के चारों दोषियों विनय, अक्षय, मुकेश और पवन गुप्ता को एक साथ फांसी के फंदे पर लटका दिया गया, आज पूरे देश के लोग निर्भया को मिले इंसाफ से खुश हैं लेकिन आज का दिन पूरे सात साल के संघर्ष के बाद नसीब हुआ है, दोषियों की फांसी के बाद पूरे देश में खास तरह की खुशी देखी जा रही है, 16 दिसंबर 2012 की उस काली रात में जिस तरह से इन दरिंदों ने एक मासूम निर्भया को अपनी हवस का शिकार बनाया था, उसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था।

निर्भया के थे 6 गुनाहगार
आपको बता दें कि इस मामले में कुल 6 लोग दोषी थे, इन 6 गुनाहगारों के नाम राम सिंह, मुकेश सिंह,विनय शर्मा, पवन गुप्ता, अक्षय ठाकुर और नाबालिग दोषी था, जिसमें से आज 4 गुनाहगारों को फांसी दी गई है लेकिन राम सिंह और नाबालिग दोषी को फांसी नहीं हो पाई क्योंकि 11 मार्च, साल 2013 को राम सिंह ने तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली थी, तो वहीं 6ठां दोषी, जो, कि घटना के वक्त पर नाबालिग था, तीन साल की सजा काटकर बाहर आ चुका है।

एक ने की थी आत्महत्या और एक था नाबालिग
मालूम हो कि राम सिंह (32) पेशे से बस ड्राइवर था, जिस चलती बस में निर्भया के साथ गैंगरेप हुआ, उस बस को राम सिंह ही चला रहा था, राम सिंह इस वारदात का मुख्य आरोपी था. राम सिंह ने गैंगरेप करने के साथ ही निर्भया और उसके दोस्त को लोहे की रॉड से बुरी तरह पीटा था और उसी रॉड को उसने निर्भया के साथ कुकर्म करने के बाद उसके प्राइवेट पार्ट में डाला था।

जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड
इस विभत्स घटना के बाद उस वहशी रामसिंह को पुलिस ने अरेस्ट किया था, जिसने 11 मार्च, 2013 को राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी, जबकि गैंगरेप का छठा गुनाहगार एक नाबालिग था, इसी शख्स ने निर्भया को बस में चढ़ने का आग्रह किया था, जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने तीन साल की अधिकतम सजा के साथ उसे सुधार केंद्र में भेजा था दिसंबर, 2015 में सजा पूरी करने के बाद उसे रिहा कर दिया गया।

आज न्याय दिवस है: निर्भया के पिता
दोषियों को फांसी होने के बाद निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह ने कहा है कि आज के दिन को न्याय दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिये।2012 के दिल्ली गैंगरेप पीड़िता के पिता बद्रीनाथ सिंह जीत का संकेत दिखाते हुए कहते हैं, "आज हमारी जीत है और यह मीडिया, समाज और दिल्ली पुलिस की वजह से हुआ है। आप मेरी मुस्कान से समझ सकते हैं कि मेरे दिल के अंदर क्या है"।

'20 मार्च को हर साल मनेगा निर्भया दिवस'
चारों दरिंदों की फांसी के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने ऐलान किया है कि 20 मार्च को वह निर्भया दिवस के रूप में मनाएंगी। मीडिया से बात करते हुए निर्भया की मां ने कहा कि फाइनली उनको फांसी पर लटका दिया गया है, यह सात साल का संघर्ष था, पहली बार रेप पीड़ित बच्ची को इंसाफ मिला है, आज का दिन हमारी बच्ची निर्भया और देश के बच्चियों के नाम, देर से ही सही लेकिन हमें इंसाफ मिला, सरकारों और न्यायालय को बहुत धन्यवाद।