निर्भया केस: केवल दूसरी बार होगा ऐसा, 36 साल पहले इस केस में एक साथ दी गई थी चार दोषियों को फांसी
नई दिल्ली। सात साल पहले दिल्ली में 23 साल की निर्भया से गैंगरेप करने के दोषी विनय शर्मा को तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने के साथ ही लगभग ये माना जा रहा है कि चारों दोषियों को जल्द फांसी पर लटका दिया जाएगा। दया याचिका खारिज होने के साथ ही चारों दरिंदों के नाम डेथ वारंट इश्यू हो जाएगा। तिहाड़ में दोषियों को फांसी पर लटकाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। तिहाड़ जेल में आखिरी फांसी संसद हमले के दोषी आतंकी अफजल गुरु को दी गई थी। वहीं, ये देश में दूसरा मौका होगा जब किसी केस में चार दोषियों को एक साथ फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा।
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जोशी अभयंकर केस में दी गई थी चार दोषियों को एक साथ फांसी
तिहाड़ जेल में चारों को फांसी के फंदे पर लटकाने की तैयारी की जा रही है। बक्सर जेल से नई रस्सियां भी मंगाई जा रही हैं। फांसी देने के लिए सारी तैयारियां की जा रही हैं ताकि डेश वारंट आते ही चारों को फांसी पर लटका दिया जाए। इस केस से पहले केवल एक बार ऐसा हुआ है जब चार दोषियों को एक साथ फांसी दी गई थी। पुणे की यरवदा जेल में जोशी अभयंकर केस में दस लोगों की हत्या करने के केस में चार दोषियों को एक साथ फांसी दी गई थी। 27 नवंबर, 1983 को इन चारों को एक साथ फांसी दी गई थी।
चारों दोषियों को एक साथ दी जा सकती है फांसी
तिहाड़ जेल की बात करें तो पहली बार दो दोषियों रंगा-बिल्ला को 31 जनवरी 1982 में फांसी दी गई थी। तिहाड़ में एक साथ चार लोगों को फांसी नहीं दी गई है और अगर ऐसा होता है तो ये देश में केवल दूसरी बार होगा। जेल नंबर तीन में जिस बिल्डिंग में फांसी कोठी है, उसी में 16 डेथ सेल बनाए गए हैं। डेथ सेल में केवल उन कैदियों को रखा जाता है जिनको मौत की सजा मिली होती है। ऐसे में देखना है कि निर्भया केस में चारों दोषियों को किस तरह फांसी दी जाती है।
निर्भया के चारों दोषियों को कोर्ट ने सुनाई थी मौत की सजा
हाल ही में निर्भया केस में दोषी विनय शर्मा ने अपनी दया याचिका को तत्काल वापस लेने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष एक याचिका दायर की थी। विनय शर्मा ने दावा किया था कि उसने किसी दया याचिका पर साइन नहीं किए हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और गृह मंत्रालय को पिछले शुक्रवार को भेजी गई एक चिट्ठी के मुताबिक, विनय शर्मा ने दया याचिका को रद्द करने की मांग की और साथ ही कहा कि यह दया याचिका बिना उसकी सहमति के भेजी गई थी।
तिहाड़ जेल में फांसी देने की तैयारियां शुरू
बता दें कि दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को 23 साल की छात्रा से बस के अंदर गैंगरेप के मामले में 6 लोगों को दोषी ठहराया गया था। इस घटना के कुछ दिन बाद छात्रा की मौत हो गई और लोगों ने सड़कों पर उतरकर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर विरोध प्रदर्शन किए थे। 6 लोगों में से एक राम सिंह ने ट्रायल के दौरान तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली थी, जबकि एक दोषी नाबालिग था, जिसे बाद में रिहा कर दिया गया था।