निर्भया केस: चारों दोषियों को 16 दिसंबर को नहीं होगी फांसी! क्या है वजह
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नई दिल्ली। सात साल पहले देश की राजधानी दिल्ली में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ जो हैवानियत हुई थी, उसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। दिल दहला देने वाले इस केस में चार दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई थी, लेकिन अभी तक इन चारों को फांसी नहीं दी जा सकी है। पिछले कई दिनों से ये खबरें आ रही थीं कि चारों दोषियों को 16 दिसंबर को फांसी पर लटकाया जा सकता है। बता दें कि 16 दिसबंर, 2012 को ही निर्भया के साथ चलती बस में गैंगरेप हुआ था। लेकिन अब 16 दिसंबर को चारों दरिंदों को फांसी पर लटकाना संभव नहीं लग रहा है, इसके पीछे कई कारण हैं।
सुप्रीम कोर्ट में 17 दिसंबर को एक दोषी की याचिका पर होनी है सुनवाई
निर्भया गैंगरेप केस के दोषियों में से एक अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 17 दिसंबर को सुनवाई करेगा। तीन जजों की बेंच अक्षय की इस याचिका पर सुनवाई करेगी। निर्भया केस में दोषी विनय कुमार, पवन, अक्षय और मुकेश को फांसी की सजा हुई है। सुप्रीम कोर्ट विनय कुमार, पवन और मुकेश की पुनर्विचार याचिकाओं को पहले ही खारिज कर चुका है। लेकिन अब अक्षय ने कोर्ट के फैसले पर फिर से विचार करने को लेकर याचिका दायर की है। अक्षय ने अन्य तीन दोषियों के साथ पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की थी। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर 17 दिसंबर को सुनवाई करेगा, ऐसे में 16 दिसंबर को चारों को फांसी पर लटकाना संभव नहीं है।
पटियाला हाउस कोर्ट में भी आज सुनवाई
वहीं, निर्भया गैंगरेप मामले के दोषियों को आज पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा। इससे पहले कोर्ट ने जेल प्रशासन से कहा था कि सभी दोषियों को एक साथ पेश किया जाए। कानून के जानकारों के मुताबिक, दो-दो अदालती कार्रवाई के बीच फांसी नहीं दी जा सकती है। हालांकि, ऐसी खबरें की चारों का डेथ वारंट जारी हो सकता है। लेकिन तब भी मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित रहने के कारण 16 दिसंबर को चारों दोषियों को फांसी पर लटकाना संभव नहीं हो सकता है। पटियाला हाउस कोर्ट आज क्या फैसला सुनाता है, इसपर सभी की नजरें होंगी।
याचिकाओं से समय काफी बर्बाद हो रहा- निर्भया की मां
दूसरी तरफ, सुप्रीम कोर्ट में दोषी अक्षय की याचिका स्वीकार होने पर निर्भया की मां का दर्द छलक पड़ा। उन्होंने कहा कि एक-एक कर डाली जा रही याचिकाओं से समय काफी बर्बाद हो रहा है। उन्होंने कहा कि इनकी याचिका पहले ही खारिज हो जानी चाहिए थी, लेकिन फिर भी उनको अदालत पर भरोसा है कि उन्हें न्याय मिलेगा। दोषी अक्षय ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर कहा है कि दिल्ली गैस चेंबर में तब्दील हो चुकी है। यहां का पानी जहरीला हो चुका है और ऐसे में जब खराब हवा और पानी के चलते उम्र पहले से ही कम से कम होती जा रही है, तो फिर फांसी की सजा की जरूरत क्यों है।
चलती बस में निर्भया के साथ हुआ था गैंगरेप
बता दें कि 2012 में 6 लोगों ने दिल्ली में चलती हुई बस में 23 साल की छात्रा के साथ गैंगरेप किया था। गैंगरेप करने के बाद इन्होंने पीड़िता के निजी अंगों में लोहे की रॉड घुसा दी थी। इसके बाद चारों ने पीड़िता और पुरुष साथी को बस से नीचे फेंक दिया था। इस हैवानियत के खिलाफ पूरे देश भर में प्रदर्शन हुए थे। वहीं, कई दिनों तक अस्पताल में इलाज के बावजूद पीड़िता ने दम तोड़ दिया था।