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निर्भया के दोषियों की फांसी से पहले मां ने की भावुक अपील, समर्थन के लिए जारी किया ये मोबाइल नंबर

निर्भया की मां ने एक भावुक अपील करते हुए लोगों से निर्भया को न्याय दिलाने के लिए मोबाइल नंबर जारी कर समर्थन मांगा है...

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नई दिल्ली। 2012 के बसंत विहार गैंगरेप मामले में निर्भया के चारों दोषियों के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने तीसरी बार डेथ वारंट जारी किया है। अभी तक दो बार डेथ वारंट जारी होने के बावजूद निर्भया के दोषियों की फांसी टल चुकी है। नए डेथ वारंट के मुताबिक निर्भया के चारों दोषियों को अब 3 मार्च को सुबह 6 बजे दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी। हालांकि निर्भया के चारों दोषी अपनी फांसी को टालने के लिए लगातार नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। दोषियों की फांसी में हो रही देरी पर अब निर्भया की मां ने एक भावुक संदेश जारी कर लोगों से निर्भया को न्याय दिलाने के लिए समर्थन की अपील की है।

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Nirbhaya case: दोषियों की फांसी से पहले Nirbhaya Mother ने की Emotional Appeal | वनइंडिया हिंदी
इस नंबर पर मिस्ड कॉल से दे सकते हैं समर्थन

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समाचार चैनल जी न्यूज के एक विशेष कार्यक्रम में निर्भया की मां ने लोगों के नाम एक भावुक संदेश जारी किया। इस दौरान एक मोबाइल नंबर-7834998998 भी जारी किया गया, जिसपर मिस्ड कॉल देकर निर्भया की मां की मुहिम को समर्थन दे सकते हैं। अपने संदेश में निर्भया की मां ने कहा, 'कल मैं फिर निर्भया को न्याय दिलाने की कोशिश के तहत सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाऊंगी, ताकि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध कम हो सकें। अगर निर्भया न्याय पाने में नाकामयाब रही तो फिर किसी पीड़िता को न्याय नहीं मिल पाएगा। निर्भया को न्याय दिलाने के लिए हमें साथ मिलकर खड़ा होना चाहिए।'

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'लोग अब कोर्ट पर अपना भरोसा खो चुके हैं'

'लोग अब कोर्ट पर अपना भरोसा खो चुके हैं'

अपने संदेश में निर्भया की मां ने कहा, 'मेरी रातों की नींद खत्म हो चुकी है, लेकिन न्याय पाने के लिए मेरा संघर्ष नहीं रुका है। मानवाधिकार कार्यकर्ता केवल अपना बिजनेस चला रहे हैं, मैं उनकी सलाह सुनना भी नहीं चाहती हूं। जो लोग मुझसे चाहते हैं कि मैं दोषियों को क्षमा कर दूं, उन्हें सोचना चाहिए कि अगर उनके परिवार के किसी सदस्य के साथ वो सब हुआ होता तो क्या वो बर्दाश्त करते। हैदराबाद की घटना के बाद लोगों ने मिठाई बांटी, पुलिस के लिए नहीं, बल्कि इसलिए कि तुरंत इंसाफ हो गया, क्योंकि लोग अब कोर्ट पर अपना भरोसा खो चुके हैं।'

'आपके बच्चों के साथ के साथ होता, तो क्या माफ कर देते'

'आपके बच्चों के साथ के साथ होता, तो क्या माफ कर देते'

निर्भया की मां ने अपने संदेश में आगे कहा, 'हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा, ये अधिकार मांगने से नहीं मिलेंगे। जो लोग मुझसे दोषियों को माफ करने के लिए बोल रहे हैं, मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि अगर आपके बच्चों के साथ ऐसा हुआ होता, तो क्या आप दोषियों को माफ कर देते? अगर देश में महिलाओं के लिए कोई अधिकार हैं, तो फिर हमारे अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था को बदलना चाहिए। मैं कहना चाहती हूं कि वे चारों दोषी हैं और उन्हें आज नहीं तो कल फांसी मिल ही जाएगी, लेकिन व्यवस्था ऐसी ही रहेगी।'

'ये लड़ाई अकेले मेरी नहीं है'

'ये लड़ाई अकेले मेरी नहीं है'

व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए निर्भया की मां ने कहा, 'चीजें बदल चुकी हैं, लेकिन मैं आज भी अपनी बेटी के न्याय के लिए हाथ जोड़कर अदालत के सामने गुहार लगा रही हूं। मैं आपको आश्वस्त करना चाहती हूं कि इन दोषियों की फांसी के बाद भी मैं इस मुद्दे को उठाती रहूंगी। मैं तो उसी दिन मर गई थी, जब मैंने अपनी बेटी को खोया था। जिस वक्त कोर्ट ने दोषियों को फांसी की सजा सुनाई, तो उन्होंने अदालत के अंदर ही मुझे खुला चैंलेंज दिया। ये लड़ाई केवल अकेले मेरी नहीं है, बल्कि ये भारत की एक बेटी की लड़ाई है।'

दो बार टल चुकी है दोषियों की फांसी

दो बार टल चुकी है दोषियों की फांसी

निर्भया की मां ने आगे कहा, 'मैं आप लोगों से पूछना चाहती हूं कि तारीख तय हो गई है लेकिन उसे न्याय कब मिलेगा? अदालत मेरे सामने दोषियों के अधिकारों के बारे में बात करती है लेकिन मेरे दुख के बारे में नहीं।' आपको बता दें कि इससे पहले दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट निर्भया के चारों दोषियों के खिलाफ 2 बार डेथ वारंट जारी कर चुकी है। इसी साल 7 जनवरी को कोर्ट ने पहली बार डेथ वारंट जारी किया था, जिसमें 22 जनवरी को चारों दोषियों को सुबह 7 बजे फांसी देने का कहा गया था। इसके बाद 17 जनवरी को कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी करते हुए फांसी की तारीख आगे बढ़ाते हुए 1 फरवरी की थी और फांसी का वक्त सुबह 6 बजे का तय किया था, लेकिन दोषियों की ओर से कोर्ट और राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की जाने की वजह से इस दिन फांसी नहीं हो सकी थी।

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English summary
Nirbhaya's Mother Emotional Appeal For Justice, Issue Mobile Number For Support.
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