निर्भया के हत्यारों को 7 दिन की मोहलत, राष्ट्रपति को भेजो दया याचिका नहीं तो फांसी पर लटकने की करो तैयारी
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नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप केस में चारों दोषियों को तिहाड़ जेल प्रशासन ने नोटिस जारी किया है और कहा कि फांसी की सजा के खिलाफ अगर सात दिन में राष्ट्रपति के पास दया याचिका नहीं लगाई तो, फांसी पर लटकाने के लिए आगे की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी। पिछले साल, जुलाई में इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी। 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली के निर्भया गैंगरेप केस ने पूरे देश को हिला दिया था। उस समय पूरे देश में इस जघन्य कांड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए थे।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा फांसी की सजा बरकरार रखने के बाद अभी तक चारों दोषियों ने राष्ट्रपति से दया की गुहार नहीं लगाई है। निर्भया गैंगरेप में अक्षय, विनय और मुकेश तिहाड़ जेल में जबकि पवन मंडोली जेल में बंद है। इस केस में एक अन्य आरोपी राम सिंह ने जेल में ही आत्महत्या कर ली थी। निर्भया के दोषियों के पास अब केवल राष्ट्रपति की दया का ही विकल्प है। चारों को पहले ही फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। अगर ये चारों एक हफ्ते में दया याचिका दाखिल नहीं करते हैं तो, इनको फांसी देने की तैयारी शुरू हो जाएगी।
पिछले साल 9 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया केस में दोषियों की पुनर्विचार याचिका पर अपना फैसला सुनाया था। निर्भया गैंगरेप केस में चार में से तीन दोषियों ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसे खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तीनों की फांसी की सजा को बरकरार रखा था। चौथे दोषी अक्षय ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की थी।
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बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 की रात 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा निर्भया से दिल्ली में चलती बस में 6 दरिंदों ने गैंगरेप किया था और बुरी तरह जख्मी कर निर्भया को सड़क पर फेंक दिया था। इन दरिंदों की हैवानियत का शिकार निर्भया ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था, जिसके बाद देशभर में बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के खिलाफ आवाजें बुलंद होने लगी थी।