Nirbhaya Gangrape case: तिहाड़ जेल में हुआ चारों दोषियों की फांसी का डमी ट्रायल, दरिंदों को यकीन टल जाएगी फांसी
नई दिल्ली। एशिया की सबसे बड़ी जेलों में शुमार तिहाड़ जेल में 16 दिसंबर को निर्भया गैंगरेप के दोषियों को फांसी देने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स की ओर से बताया गया है कि जल्लाद की जगह जेल के अधिकारियों ने चारों दोषियों के पुतलों को फांसी पर लटकाने की प्रक्रिया को पूरा किया है। आपको बता दें कि सिटी कोर्ट की तरफ से दिए गए आदेश के तहत निर्भया के चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी दी जाएगी।
Recommended Video
पहली बार चार लोगों को दी जाएगी फांसी
जेल के एक अधिकारी ने अपना नाम न बताने की शर्त पर बताया है कि जेल के अंदर बना फांसी कोठा के सिर्फ दो ही लोगों को एक साथ फांसी देने की जगह है। फांसी कोठा उस जगह को कहते हैं जहां पर दोषी को फांसी पर लटकाया जाता है। जेल के इतिहास में यह पहला मौका है जब चार लोगों को एक साथ फांसी दी जाएगी। अब फांसी देने वाली जगह पर रेनोवेशन का काम चल रहा है। जेल अधिकारी की तरफ से चारों दोषियों की फांसी को पूरा करने की तैयारियों के तहत कुछ बदलाव फांसी देने वाली जगह पर किए गए हैं। रविवार को अधिकारियों की तरफ से एक मॉक टेस्ट भी किया गया। इसमें सैंड बैग्स को नई रस्सियों की मदद से लटकाया गया। इन रस्सियों को पिछले माह खरीदा गया था।
नोट किया गया दोषियों का वजन
इससे पहले जेल प्रशासन की तरफ से चारों दोषियों का वजन नोट किया गया था और फिर उनके वजन के मुताबिक ही सैंडबैग्स तैयार किए गए थे। रस्सियों को बिहार की बक्सर जेल के कैदियों ने तैयार किया है। सिटी कोर्ट की तरफ से पिछले दिनों निर्भया के चारों दोषियों मुकेश सिंह, पवन कुमार गुप्ता, अक्षय ठाकुर और विनय शर्मा की फांसी के लिए डेथ वारेंट जारी किया गया है। जेल नंबर तीन के अंदर चारों दोषियों को फांसी दी जाएगी। इसी जगह पर फांसी कोठा है। चारों दोषियों को तिहाड़ जेल के अंदर दो अलग-अलग जेलों के अंदर रखा गया है। माना जा रहा है कि इन्हें जेल नंबर तीन में शिफ्ट कर दिया जाएगा जहां पर इन्हें फांसी दी जाएगी। अभी दोषी जेल नंबर दो और चार में हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किया जाएगा शिफ्ट
एक जेल अधिकारी की ओर से बताया गया है कि 14 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आने वाले फैसले के बाद दोषियों को जेल में शिफ्ट करने पर फैसला लिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट को दो दोषियों की तरफ से दायर एक क्यूरेटिव याचिका पर सुनवाई करनी है।इसके बाद इन्हें जेल नंबर तीन में शिफ्ट किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दोषियों को उनके परिवार से आखिरी बार मिलने का मौका दिया जाएगा। अभी इन चारों को हाई रिस्क सेल में रखा गया है और सीसीटीवी कैमरे इनकी निगरानी कर रहे हैं। तीन जेल गार्ड 24 घंटे इन पर नजर रख हुए हैं। एक और जेल अधिकारी ने बताया है कि चारों को बता दिया गया है कि प्रक्रिया क्या है और यह भी कहा है कि जेल प्रशासन उन्हें परिवार से मिलवाने में मदद करेगा। अभी चारों को हफ्ते में दो बार अपने परिवार वालों से मिलने का मौका मिलता है।
मेरठ से आएंगे जल्लाद पवन कुमार
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आखिरी बार ये अपने परिवार से मुलाकात कर सकेंगे। अधिकारी की ओर से बताया गया है कि अभी चारों को बर्ताव सामान्य है और ऐसा कुछ नहीं किया है जो असमान्य नजर आए। अधिकारी की मानें तो दोषियों को भरोसा है कि उनकी फांसी रुक सकती है। वहीं एक और अधिकारी की मानें तो उत्तर प्रदेश जेल प्रशासन ने इस बात की पुष्टि की है कि उनकी तरफ से जल्लाद पवन कुमार को फांसी के लिए भेजा जाएगा। फांसी से कुछ दिन पहले पवन कुमार जेल आएंगे और तैयारियों का जायजा लेंगे। तिहाड़ जेल की तरफ से अनुरोध किया गया था कि दो जल्लाद भेजे जाएं ताकि तैयारियां बेहतर हो सकें। लेकिन ऐसा हो नहीं सका क्योंकि दूसरा जल्लाद मौजूद नहीं है। ऐसे में मेरठ के पवन कुमार ही चारों को फांसी पर लटकाएंगे।