क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

निर्भया कांड: केस ट्रांसफर करने की पीड़िता के पेरेंट्स की याचिका मंजूर

Google Oneindia News

नई दिल्ली- 2012 के निर्भया गैंगरेप केस की सुनवाई दूसरे जज की अदालत में ट्रांसफर करने की पीड़ित के पेरेंट्स की याचिका मंजूर कर ली गई है। दरअसल, निर्भया के माता-पिता की यह याचिका लगभग एक साल से पड़ी हुई है, लेकिन फास्ट-ट्रैक कोर्ट में जज का पद खाली रहने की वजह से इसपर सुनवाई नहीं हो पा रही है। अब अदालत 25 तारीख को इसपर सुनवाई करके अपना फैसला सुनाएगी। पीड़ित के पेरेंट्स इस बात की गुहार लगा रहे हैं कि जब दोषी बचाव के सारे कानूनी प्रावधानों का उपयोग कर चुके हैं, तब उन्हें सजा दिए जाने में देरी क्यों हो रही है। गौरतलब है कि सात साल पुरानी यह जघन्य घटना ने पूरे देश को हिलाकर रखा दिया था।

ताकि जल्द तामील हो सके दोषियों की सजा

ताकि जल्द तामील हो सके दोषियों की सजा

निर्भया के माता-पिता ने अदालत से गुहार लगाई थी कि वह तिहाड़ जेल के अधिकारियों को निर्देश दे ताकि रेप के दोषियों की सजा जल्द से जल्द मुकर्रर करवाई जा सके। लेकिन, फास्ट-ट्रैक कोर्ट में जज के न होने से उनकी यह मांग लंबित पड़ी है। अब अदालत 25 नवंबर को निर्भया के माता-पिता की इस अर्जी पर सुनवाई करेगा कि केस को दूसरे कोर्ट में ट्रांसफर किया जाय या नहीं। याचिका में इस केस को दूसरी अदालत में ट्रांसफर करने के पीछे ये दलील दी गई है कि जिस कोर्ट में उनके केस की सुनवाई चल रही है, उसके दो-दो जजों का तबादला हो जाने की वजह से यह मामला लगातार लटका हुआ है। बता दें कि यौन उत्पीड़न से संबंधित केस की सुनवाई के लिए पटियाला हाउस कोर्ट में एक विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट बनी हुई है, जहां फिलहाल जज का पद खाली है और अभी तक किसी की नियुक्ति नहीं हुई है। याचिका में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि पीड़िता के माता-पिता ने तब अदालत का दरवाजा खटखटाया है, जब दोषियों ने सारे कानूनी उपायों का इस्तेमाल कर लिया है।

एक साल से नहीं हो रही है सुनवाई

एक साल से नहीं हो रही है सुनवाई

पिछले साल दिसंबर में ही निर्भया के माता-पिता ने 23 साल की पैरामेडिक छात्रा को न्याय दिलाने के लिए चारों दोषियों को जल्द फांसी देने की मांग को लेकर फास्ट-ट्रैक कोर्ट से गुहार लगाई थी। लेकिन, तब से उनकी याचिका पर सुनवाई जजों के नहीं होने की वजह से लंबित पड़ी हुई है। हालांकि, 12 दिसंबर, 2018 को इस केस के चारों दोषियों मुकेश, पवन, विनय और अक्षय को मौत की सजा देने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग करने वाली जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी। निर्भया गैंगरेप के चार दोषियों में से तीन अभी दिल्ली के तिहाड़ जेल में कैद हैं, जबकि चौथा राजधानी के ही मंडोली जेल में कैद है। गौरतलब है कि इस कांड में कुल 6 दोषी थे, जिनमें से एक ने जेल में ही खुदकुशी कर ली थी, जबकि छठा जुवेनाइल होने की वजह से बाल सुधारगृह में तीन साल की सजा काटकर 2015 में ही बरी हो चुका है।

क्या है निर्भया कांड, जिसने देश को हिला दिया

क्या है निर्भया कांड, जिसने देश को हिला दिया

घटना 16 दिसंबर 2012 की रात की है। इस कांड के सभी 6 दोषियों ने दक्षिणी दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामिडिक स्टूडेंट में गैंगरेप को अंजाम दिया था। निर्भया को शारीरिक रूप से बुरी तरह प्रताड़ित करके गुनहगारों ने उसके पुरुष मित्र के साथ उसे बस से बाहर फेंक दिया था। इस घटना के खुलासे के बाद दिल्ली में कोहराम मच गया। जनता पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आई। जब, दिल्ली में पीड़िता की हालत और नाजुक होती चली गई तो तत्कालीन यूपीए सरकार ने उसे बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट करके सिंगापुर के एक अस्पताल में भर्ती करवा दिया था। लेकिन, 29 दिसंबर, 2012 को देश की निर्भया मौत के साथ अपनी जंग हार गई और तब से उसके माता-पिता समेत पूरा देश उसे न्याय मिलने की आस लगाए बैठे हैं।

इसे भी पढ़ें- बीमार ताई के लिए खाना बनाने आई थी छोटी बहन, भाई ने हाथ-पैर बांध की हैवानियतइसे भी पढ़ें- बीमार ताई के लिए खाना बनाने आई थी छोटी बहन, भाई ने हाथ-पैर बांध की हैवानियत

Comments
English summary
Nirbhaya gangrape,Petition of the victim's parents to transfer the case to another judge approved
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X