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कौन है पवन जल्लाद, जो निर्भया के दोषियों के डेथ वारंट का कर रहा इंतजार

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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में साल 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप और हत्या के दोषियों में एक की दया याचिका गृह मंत्रालय के पास पहुंच गई है। इस याचिका को दिल्ली सरकार ने पहले खारिज दिया था। इसके बाद ये दया याचिका गृह मंत्रालय को भेजी गई है, जहां से इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति को फांसी की सजा को माफ करने का अधिकार है। ऐसे में सभी की नजरें राष्ट्रपति के फैसले पर हैं। वहीं, तिहाड़ जेल में बंद निर्भया के दोषियों को जल्द से जल्द फांसी पर लटकाने की मांग उठ रही है। पिछले हफ्ते ही हैदराबाद में महिला डॉक्टर की गैंगरेप-हत्या की वारदात के बाद हर कोई पूछ रहा है कि निर्भया केस के चारों दरिंदों को कब फांसी दी जाएगी। इस बीच मीडिया में खबरें आ रही हैं कि मेरठ से पवन जल्लाद को तिहाड़ बुलाया जा रहा है।

मेरठ का रहने वाला है पवन जल्लाद

मेरठ का रहने वाला है पवन जल्लाद

ऐसी खबरें आई थीं कि फांसी में देरी इसलिए हो रही है क्योंकि तिहाड़ में कोई जल्लाद नहीं है जो दोषियों को फांसी पर लटका सके। इसके बाद मेरठ के रहने वाले जल्लाद पवन ने कहा वह निर्भया के दोषियों को फांसी देने के लिए एकदम तैयार बैठा है, बस मुजरिमों का डेथ वारंट मिले। पवन ने साथ ही ये भी कहा कि अगर निर्भया के हत्यारों को सरकार फांसी पर लटका चुकी होती तो शायद हैदराबाद में डॉक्ट बेमौत मरने से बच गई होती। पवन के दादा कालू भी जल्लाद थे। इनकी चार पीढ़ियां जल्लाद का काम करती रही हैं।

ये भी पढ़ें: हैदराबाद डॉक्टर मर्डर: मुख्य आरोपी ने पूछताछ में बताया, महिला डॉक्टर को पेट्रोल डालकर जलाया तब वह जिंदा थी

पवन को एक तय रकम सैलरी के रूप में दी जाती है

पवन को एक तय रकम सैलरी के रूप में दी जाती है

बताया जाता है कि पवन के दादा ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के हत्यारों को फांसी पर लटकाया था। पवन उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के रहने वाले हैं। पवन को हर महीने एक तय रकम सैलरी के रूप में दी जाती है। पार्ट टाइम में पवन साइकिल पर कपड़ा बेचने का काम करते हैं। देश में इस वक्त गिनती के ही अधिकृत जल्लाद बचे हैं जो दोषियों को फांसी पर लटकाने का काम करते हैं। पवन उनमें से एक हैं। 56 साल के पवन कहते हैं कि अदालत से किसी को सजा मिली तो उसने काम भी वैसा ही किया होगा।

पवन के दादा ने इंदिरा गांधी के हत्यारों को फांसी दी थी

पवन के दादा ने इंदिरा गांधी के हत्यारों को फांसी दी थी

तिहाड़ जेल को भले ही पवन जल्लाद का इंतजार हो लेकिन मेरठ में बहुत कम लोग ही पवन को जानते हैं। पवन के पिता मम्मू सिंह के अलावा उनके दादा, परदादा भी पहले जल्लाद का काम करते थे। इस पुश्तैनी काम को बाद में पवन ने आगे बढ़ाया। उन्होंने अपने दादा और पिता के काम में भी मदद की है। पिता के निधन के बाद 1989 में पवन ने ये काम संभाला था। दादा कालू जल्लाद ने ही पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के हत्यारों सतवंत सिंह और केहर सिंह को फांसी दी थी। पवन को बहुचर्चित निठारी कांड के दोषी सुरेंद्र कोली को फांसी देने के लिए बुलाया जाने वाला था।

फेरी लगाकर बेचते हैं कपड़े

फेरी लगाकर बेचते हैं कपड़े

लेकिन कोर्ट के आदेश पर फांसी टल गई, कोर्ट जब भी आदेश देगा, पवन इसके लिए तैयार हैं। पवन के परिवार में दो बेटे और पांच बेटियां हैं। चार बेटियों की शादी हो चुकी है। वे बताते हैं कि जल्लाद के तौर पर काम करने के लिए जो रकम मिलती है, उससे उनका गुजारा नहीं होता है। इसलिए वे फेरी लगाकर कपड़े बेचते हैं। पवन ने अपने दादा-परदादा से फांसी देने की टेक्निक समझी। फांसी देने के पहले कई बार रिहर्सल किया जाता है ताकि इसमें कोई चूक ना हो। पवन कहते हैं, बहुत लोगों के लिए जल्लाद एक गाली है लेकिन उनको अपने काम पर गर्व है।

निर्भया के दोषियों को कोर्ट ने सुनाई है फांसी की सजा

निर्भया के दोषियों को कोर्ट ने सुनाई है फांसी की सजा

बता दें कि निर्भया गैंगरेप-मर्डर का मामला दिसंबर, 2012 का है। तब देश की राजधानी दिल्ली में एक प्राइवेट बस में अपने दोस्त के साथ सवार हुई लड़की के साथ एक नाबालिग सहित छह लोगों ने गैंगरेप किया था और उसके प्राइवेट पार्ट्स में लोहे की रॉड घुसा दी थी। कई दिनों तक मौत से लड़ने के बाद निर्भया ने आखिरकार दम तोड़ दिया था। इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इस केस में चार दोषियों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है।

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English summary
nirbhaya gangrape case: know more about pawan jallad from meerut
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