निर्भया के दोषियों ने सेल पर तैनात पुलिसकर्मी से बार-बार पूछी ये एक बात
नई दिल्ली। 2012 में दिल्ली में 23 साल की छात्रा के साथ गैंगरेप और मर्डर के चारों दोषियों मुकेश, अक्षय, विनय और पवन को शुक्रवार सुबह तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई। इससे पहले भी उनका डेथ वारंट जारी हुआ था लेकिन फांसी टाल दी गई थी। इस दफा दोषियों के पास कोई विकल्प नहीं था और उनको फांसी दे दी गई। हालांकि दोषियों को रात में भी ये उम्मीद थी कि शायद कोर्ट से उनकी फांसी रुकने का ऑर्डर आ जाए।
पुलिसकर्मी से कोर्ट के ऑर्डर के बारे में पूछा
निर्भया के चारों दोषी रात भर नहीं सोए। बैचेनी में वो लगातार सेल पर पहरा दे रहे पुलिसवालों से पूछते रहे कि क्या कोर्ट से कोई नया आदेश आया है। क्या उन्हें उनकी फांसी को लेकर कोई नई जानकारी है। दरअसल फांसी रुकवाने को लेकर याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। जिसके बाद दोषियों का वकील सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। वहां भी उनकी याचिका खारिज कर दी गई। जिसके बाद सुबह चारों को फांसी दे दी गई।
रात में खाना भी नहीं खाया
चारों की दोषी कल से ही बुरी तरह से घबराए हुए थे। जानकारी के मुताबिक, मुकेश और विनय ने रात में खिचड़ी खाई। वहीं पवन और अक्षय ने रातभर कुछ नहीं खाया। जब फांसी से पहले उनकी आखिरी इच्छा पूछी गई तो भी चारों ने कोई जवाब नहीं दिया। एक दोषी फांसी के लिए आगे नहीं जा रहा था, फिर फांसी घर में मौजूद लोग उसे जबरन आगे लेकर गए। वहीं पुलिसकर्मियों ने भी रातभर इन चारों परकड़ी नजर रखी। 24 घंटे पहले से ही चारों की मॉनिटरिंग शुरू हो गई थी।
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सात साल बाद फांसी
ये केस 2012 का है। दिल्ली में 23 साल की छात्रा के छह व्यक्तियों ने सामूहिक बलात्कार करने के बाद उसे बुरी तरह पीटा, लोहे की रॉड से उसे घायल किया और चलती बस से नीचे सड़क पर फेंक दिया। करीब एक हफ्ते तक जिंदगी के लिए जूझने के बाद सिंगापुर के अस्पताल में पीड़िता ने दम तोड़ दिया। छह में से एक नाबालिग सजा काटकर रिहा हो गया। एक आरोपी ने जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। मुकेश, अक्षय, विनय और पवन को कोर्ट ने दोषी पाया और फांसी की सजा सुनाई। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी फांसी की सजा को बरकरार रखा। राष्ट्रपति ने भी दया याचिका को खारिज कर दिया। जिसके बाद इनको फांसी का रास्ता साफ हो गया।