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किसी भी दिन हो सकती है निर्भया के दोषियों को फांसी, लेकिन जेल प्रशासन के सामने खड़ी हुई ये 'नई चिंता'

निर्भया के दोषियों की फांसी की तारीख कभी भी आ सकती है, तिहाड़ जेल के सामने एक नई समस्या खड़ी हो गई है।

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Nirbhaya convicts capital punishment soon, No executioner in Tihar Jail | वनइंडिया हिंदी

नई दिल्ली। हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप और फिर जलाकर उसकी हत्या करने के मामले में लोगों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों में महिला डॉक्टर के दोषियों के लिए सजा-ए-मौत की मांग और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। ऐसे में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद निर्भया के दोषियों को जल्द फांसी पर लटकाने की मांग भी उठने लगी है। निर्भया के दोषियों के पास अब कानूनी विकल्प नहीं बचे हैं और किसी भी समय उनकी फांसी की तारीख तय हो सकती है। इस बीच तिहाड़ जेल प्रशासन के सामने एक अलग ही चिंता खड़ी हो गई है।

फांसी को लेकर ये है तिहाड़ के अधिकारियों की चिंता

फांसी को लेकर ये है तिहाड़ के अधिकारियों की चिंता

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, दरअसल तिहाड़ जेल प्रशासन की चिंता इस बात को लेकर है कि फांसी देने के लिए इस समय उनके पास कोई जल्लाद नहीं है। तिहाड़ जेल के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि एक महीने के भीतर निर्भया के दोषियों के लिए कभी भी फांसी की तारीख आ सकती है, ऐसे में जेल अधिकारी फांसी के इंतजाम पूरे रखने को लेकर अपने सभी विकल्पों की जांच कर रहे हैं। गौरतलब है कि दोषियों की फांसी को मंजूरी देने के लिए कोर्ट ब्लैक वारंट जारी करेगा, जिसके बाद किसी भी दिन उन्हें फांसी पर लटकाया जा सकता है। राष्ट्रपति की तरफ से निर्भया के दोषियों की दया याचिका खारिज होने के बाद उनकी फांसी की तारीख तय की जाएगी।

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यूपी के गांवों में शुरू हुई जल्लाद की तलाश

यूपी के गांवों में शुरू हुई जल्लाद की तलाश

आपको बता दें कि इससे पहले तिहाड़ जेल में संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दी गई थी। अफजल को फांसी दिए जाने के दौरान तिहाड़ की सुरक्षा बेहद सख्त कर दी गई थी। उस वक्त भी तिहाड़ में जल्लाद नहीं था और अफजल को फांसी देने के लिए जेल के ही एक कर्मचारी ने लीवर खींचने में अपनी सहमति दी थी। अब निर्भया के दोषियों की फांसी नजदीक आते देख तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने अनौपचारिक तौर पर अन्य जेलों से जल्लाद को लेकर संपर्क साधना शुरू कर दिया है। तिहाड़ के अधिकारी यूपी के कुछ गांवों में भी संपर्क साध रहे हैं, ताकि पता चल सके कि आखिरी जल्लाद किस गांव से था।

जल्लाद को लेकर क्या है प्रशासन की असल समस्या

जल्लाद को लेकर क्या है प्रशासन की असल समस्या

दरअसल ज्यादा संभावना इसी बात की है कि तिहाड़ जेल प्रशासन इस बार भी किसी जल्लाद की स्थाई नियुक्ति नहीं करेगा, बल्कि कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर किसी जल्लाद को नियुक्त करेगा। जेल के एक अधिकारी ने बताया, 'हमारे यहां जो न्याय व्यवस्था है, उसमें दुर्लभ से भी दुर्लभ मामलों में ही मौत की सजा सुनाई जाती है, इसलिए स्थाई तौर पर एक पूर्णकालिक जल्लाद को नियुक्त करने का कोई मतलब नहीं है। इसके अलावा इस तरह के काम के लिए एक पूर्णकालिक कर्मचारी को तलाश करना भी काफी मुश्किल है।'

कैसे तय होगी फांसी की तारीख

कैसे तय होगी फांसी की तारीख

निर्भया के दोषियों में से केवल एक दोषी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल की है। अन्य दोषियों- मुकेश, पवन और अक्षय ने तिहाड़ प्रशासन की तरफ से एक सप्ताह का समय दिए जाने के बावजूद दया याचिका दाखिल नहीं की है। तिहाड़ जेल प्रशासन ने इस याचिका को दिल्ली सरकार को भेज दिया है, जहां से इसे एलजी के पास भेजा जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'एलजी इस फाइल को गृह मंत्रालय के पास भेजेंगे और मंत्रालय इसे राष्ट्रपति के समक्ष पेश करेगा। इसके बाद राष्ट्रपति के फैसले की जानकारी तिहाड़ जेल को दी जाएगी। अगर राष्ट्रपति की तरफ से याचिका खारिज होती है तो जेल प्रशासन ब्लैक वारंट जारी कराने के लिए कोर्ट जाएगा। ब्लैक वारंट जारी होने के बाद जेल अधिकारी दोषियों और उनके परिजनों को फांसी के बारे में जानकारी दे देंगे।

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English summary
Nirbhaya Convicts Can Be Hanged Any Day, But Tihar Jail Facing This Problem.
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