निर्भया गैंगरेप: दोषी मुकेश के वकील ने कही रिश्वत की बात, जज ने लगाई लताड़
नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप मामले की सुनवाई के दौरान 12 दिसंबर को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने दोषी मुकेश के वकील एमएल शर्मा को फटकार लगाई। शर्मा ने कोर्ट में कहा कि दिल्ली पुलिस ने पीड़िता ने माता-पिता से रिश्वत ली। इस पर जज ने कहा कि आप चुप रहिए और इस तरह के कमेंट बिल्कुल मत करिए। सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप मर्डर केस की सुनवाई साल के जनवरी तक के लिए टाल दिया है। मामले में दोषी मुकेश की तरफ से पक्ष वकील एमएल शर्मा पक्ष रख रहे थे।
तीन जजों की बैंच कर रही है सुनवाई
निर्भया गैंगरेप मामले की सुनवाई तीन जजों की बेंच कर रही है। बेंच की अध्यक्षता चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा कर रहे हैं, दो अन्य जज जस्टिस आर बानुमति और जस्टिस अशोक भूषण शामिल हैं। इससे पहले 13 नवंबर को कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई टालते हुए 12 दिसंबर की तारीख दी थी।
मुकेश की पुनर्विचार याचिका का विरोध
मंगलवार को दोषी मुकेश की पुनर्विचार याचिका का दिल्ली पुलिस ने पुरजोर विरोध किया। मुकेश की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि उसे टॉर्चर किया गया और जबरन में फंसाया गया। पुलिस की तरफ से पेश वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि यह मामला पुनर्विचार का बनता ही नहीं है। दोषी के वकील एमएल शर्मा का कहना था कि टॉर्चर को लेकर निचली अदालत, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया लेकिन उस पर विचार नहीं किया गया।
पांच साल पहले दिल्ली में हुई थी दरिंदगी
16
दिसंबर
2012
को
दिल्ली
में
चलती
बस
छह
लोगों
ने
एक
लड़की
से
साथ
गैंगरेप
किया
था।
इस
गैंगरेप
में
एक
नाबालिग
भी
शामिल
था।
रेप
के
बाद
इलाज
के
दौरान
लड़की
की
मौत
हो
गई
थी।
जिसके
बाद
कोर्ट
ने
इस
मामले
को
'रेयरेस्ट
ऑफ
द
रेयर'
अपराध
माना
था।
मामले
की
सुनवाई
के
दौरान
कोर्ट
ने
फांसी
की
सजा
सुनाई
थी।
जिसके
बाद
सभी
ने
सुप्रीम
कोर्ट
का
दरवाजा
खटखटाया
था।
इस
मामले
के
एक
आरोपी
राम
सिंह
ने
सुनवाई
के
दौरान
तिहाड़
जेल
में
कथित
तौर
पर
खुदकुशी
कर
ली
थी,
जबकि
एक
अन्य
आरोपी
जुवेनाइल
था,
जिसे
पिछले
साल
अगस्त
में
रिहा
कर
दिया
गया
था।
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