फांसी से 7 दिन पहले कैसी है निर्भया के दोषियों की हालत, मेडिकल रिपोर्ट में क्या आया
तिहाड़ जेल में बंद चारों दोषियों की फांसी से ठीक एक हफ्ते पहले मेडिकल रिपोर्ट को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है।
नई दिल्ली। दिल्ली के बसंत विहार गैंगरेप और मर्डर केस में निर्भया के दोषियों की फांसी में अब महज एक हफ्ता बचा है। कोर्ट से जारी डेथ वारंट के मुताबिक चारों दोषियों को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी दी जाएगी। तिहाड़ जेल के सूत्रों के मुताबिक, निर्भया के दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी होने के बाद जेल प्रशासन अभी तक तीन बार फांसी का डमी ट्रायल कर चुका है। तिहाड़ जेल प्रशासन ने निर्भया के चारों दोषियों को फांसी दिए जाने से पहले उनकी अंतिम इच्छा भी पूछी है, जिसपर अभी तक चारों ने कोई जवाब नहीं दिया है। इस बीच तिहाड़ जेल में बंद चारों दोषियों की हालत को लेकर फांसी से ठीक एक हफ्ते पहले बड़ी जानकारी सामने आई है।
काफी चिंता में हैं चारों दोषी
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, निर्भया के चारों दोषी डेथ वारंट जारी होने के बाद से काफी चिंता में हैं और खाना भी कम ही खा रहे हैं। तिहाड़ जेल के अधिकारियों का कहना है कि चारों दोषियों का हर रोज मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है। अभी तक चारों दोषियों की मेडिकल रिपोर्ट नॉर्मल है। इसके अलावा चारों की मानसिक हालत भी फिलहाल सामान्य है। जेल अधिकारियों के मुताबिक, दोषियों ने अभी तक अपनी अंतिम इच्छा नहीं बताई है, इसलिए जेल प्रशासन ने चारों दोषियों के परिवारों को हफ्ते में दो बार मिलने की अनुमति दी है।
24 घंटे दो गार्ड रखतें हैं हर दोषी पर नजर
तिहाड़ जेल के अधिकारियों का कहना है कि निर्भया के दोषियों से यह भी पूछा जा चुका है कि अगर उनके नाम पर कोई संपत्ति है तो क्या वे उसे किसी के नाम करना चाहते हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक इसका कोई जवाब नहीं दिया है। निर्भया के चारों दोषियों को अलग-अलग कोठरियों में रखा गया है और हर कोठरी के बाहर कम से कम दो सुरक्षाकर्मी शिफ्ट के आधार पर 24 घंटे उनके ऊपर नजर बनाए हुए हैं। विनय और मुकेश की क्यूरिटेव पिटिशन और मुकेश की तरफ से भेजी गई दया याचिका खारिज होने के बाद अभी तक किसी भी दोषी की तरफ से कोई क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल नहीं की गई है।
डेथ वारंट जारी करने वाले जज का ट्रांसफर
वहीं, गुरुवार को निर्भया के चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी करने वाले जज का ट्रांसफर हो गया। डेथ वारंट जारी करने वाले अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा को एक साल के लिए डेपुटेशन के आधार पर अतिरिक्त रजिस्ट्रार के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में भेजा गया है। अपने ट्रांसफर से पहले जस्टिस सतीश अरोड़ा निर्भया रेप और मर्डर केस की भी सुनवाई कर रहे थे। जस्टिस सतीश अरोड़ा निर्भया के चारों दोषियों को जल्द से जल्द फांसी दिए जाने की मांग वाली निर्भया के माता-पिता की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। इस याचिका की सुनवाई के दौरान, सरकार ने भी दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी करने के लिए याचिका दी थी।
एक दोषी की दया याचिका हो चुकी है खारिज
गौरतलब है कि डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया के दोषियों की तरफ से लगातार फांसी में देरी किए जाने की कोशिशें की जा रही हैं। डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया के चारों दोषियों में से मुकेश और विनय ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके बाद दोषी मुकेश ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दाखिल की, जिसे ठुकरा दिया गया। दया याचिका खारिज होने के बाद दोषी पवन ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन दाखिल कर कहा कि घटना के समय वह नाबालिग था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
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