लीवर खींचते ही फांसी पर झूल जाता है मुजरिम, फिर क्या होता है उसके शव के साथ
नई दिल्ली। निर्भया से गैंगरेप करने के दोषी विनय शर्मा को तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने के साथ ही लगभग ये तय माना जा रहा है कि चारों दोषियों को जल्द ही फांसी के फंदे पर लटका दिया जाएगा। सभी आरोपियों की दया याचिका राष्ट्रपति के पास है और जैसे ही वो इसे खारिज करेंगे, चारों के नाम डेथ वारंट इश्यू हो जाएगा। डेथ वारंट पर साइन होने के बाद फांसी की तारीख जेल प्रशासन के सुझाव के बाद तय की जाती है। फांसी देने से पहले कई चीजों का ध्यान रखा जाता है। फांसी देने का वक्त तय होने के बाद कैदी पर हर वक्त नजर रखी जाती है।
मनीला रोप से तैयार होता है फांसी का फंदा
दोषी को फांसी सुबह के वक्त (सूर्योदय से पहले) ही दी जाती है। फांसी का फंदा किसी आम रस्सी का नहीं बना होता है, ये एक खास रस्सी मनीला रोप होती है। फांसी के फंदे के लिए रस्सी केवल बक्सर की जेल में तैयार होती है। संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के लिए बक्सर से जो मनीला रोप मंगवाई गई थी, उसकी कीमत 860 रु थी। जेल के अधिकारी बताते हैं कि उस वक्त रस्सी से ज्यादा पैसा किराए में लग गया था।
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डॉक्टर चेक कर कैदी को मृत घोषित करता है
वहीं, फांसी देने से पहले जल्लाद मुजरिम के कानों में कुछ बोलता है जिसके बाद वह चबूतरे से जुड़ा लीवर खींच देता हैं। अगर अपराधी हिंदू है तो जल्लाद उसके कान में राम-राम कहता है और अगर मुस्लिम है तो सलाम। उसके बाद वो कहता है मैं अपने फर्ज के आगे मजबूर हूं, मैं आपके सत्य की राह पर चलने की कामना करता हूं। करीब 2 घंटे तक लटके रहने के बाद डॉक्टर चेक करता है और दोषी को मृत घोषित करता है। सरकार चाहे तो शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिवार को सौंपा जा सकता है, या फिर इससे इनकार भी किया जा सकता है।
पांच लोग फांसी होते देख सकते हैं
जानकारी के मुताबिक तिहाड़ में दोषियों को फांसी पर लटकाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। जेल प्रशासन ने तख्त तैयार करके एक डमी का ट्रायल भी किया है। जेल मैन्युअल के मुताबिक ही दोषियों को फांसी पर लटकाया जाता है। दोषी को फांसी पर लटकाए जाने के दौरान 5 लोग वहां मौजूद रहते हैं, यानी कहें तो यही पांच लोग फांसी होते देख सकते हैं। इन पांच लोगों में जेल अधीक्षक, डिप्टी जेल अधीक्षक, आरएमओ, मेडिकल अफसर और मजिस्ट्रेट या उनकी एडीएम उस वक्त मौजूद रहते हैं। इसके अलावा फांसी पर लटकाए जाने वाला दोषी चाहे तो उसके धर्म का कोई नुमाइंदा वहां मौजूद रह सकता है।
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निर्भया के दोषियों की फांसी की तिहाड़ में तैयारी शुरू
बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली में एक प्राइवेट बस में अपने एक दोस्त के साथ चढ़ी 23 साल की पैरा मेडिकल छात्रा के साथ एक नाबालिग सहित छह लोगों ने गैंगरेप किया था और पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में लोहे के रॉड से क्रूरतम आघात किया गया था। इसके बाद गंभीर रूप से घायल पीड़िता और उसके पुरुष साथी को चलती बस से नीचे फेंक दिया गया था। दिल दहला देने वाले गैंगरेप-मर्डर के इस केस में चार आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी।