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निर्भया केस: तिहाड़ में बेटे की फांसी करीब देख बोली मां....सब कुछ भगवान पर छोड़ दिया

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नई दिल्ली- निर्भया गैंगरेप और हत्या के एक गुनहगार विनय शर्मा की मां ने बेटे की फांसी करीब देखकर कहा है कि अब उसने सब कुछ भगवान पर छोड़ दिया है। दरअसल, विनय के माता-पिता गुरुवार को ही बेटे से मुलाकात के लिए तिहाड़ जेल पहुंचे थे। उन्हें इस बात का पूरा इल्म हो चुका है कि अब उनके दोषी बेटे की फांसी की सजा दूर नहीं है। इसलिए, वह कभी परेशान भी हो रहे हैं, कभी झल्ला भी रहे हैं और कभी भावुक भी हो जाते हैं। परिवार वालों को उम्मीद थी कि कम से कम सजा उम्रकैद में बदल जाती तो उसे जिंदा तो देख सकते थे। लेकिन, इसकी गुंजाइश लगभग खत्म ही होती दिख रही है।

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Nirbhaya Case : Tihar Jail में बेटे की फांसी करीब देख मां बोली,सब कुछ भगवान पर छोड़ दिया | वनइंडिया
घावों पर नमक मत लगाओ- विनय के पिता

घावों पर नमक मत लगाओ- विनय के पिता

लगता है कि निर्भया के गुनहगारों के परिवार वाले भी अब मान चुके हैं कि उनके बेटों के गिने-चुने दिन ही बच गए हैं। गुरुवार को एक दोषी विनय शर्मा के माता-पिता उससे मिलने तिहाड़ जेल गए थे। दोपहर बाद वे जब दक्षिणी दिल्ली के रविदास कैंप स्थित अपने घर पहुंचे तो मीडिया वालों ने उनसे बात करने की कोशिश की। विनय का पिता पहले बात करने के लिए तैयार नहीं था। लेकिन, बाद में उसने कहा, 'आज मैं उससे जेल में मिला। अब हम क्या बोल सकते हैं, हमारे घावों पर नमक लगाना बंद कर दीजिए। सभी लोगों को सभी चीजों के बारे में पता है।'

सब कुछ भगवान पर छोड़ दिया-विनय की मां

सब कुछ भगवान पर छोड़ दिया-विनय की मां

उसी इलाके में रहने वाली विनय की चाची का कहना है कि उनका परिवार पहले ही बहुत कुछ झेल चुका है और फांसी से सिर्फ उनका दुख ही बढ़ने वाला है। उसकी दलील है कि, 'उन्हें फांसी क्यों दे रहे हैं, कम से कम उम्रकैद से वह जिंदा तो रह सकते हैं।' लेकिन, विनय की मां की प्रतिक्रिया ज्यादा तल्ख थी। उसने कहा, 'जब मीडिया मेरा पीछा कर रही थी, मेरी बेटी बीमार थी और उसके चेहरे पर ऑक्सिजन मास्क लगा था। लेकिन, किसी ने हमारी दुर्दशा नहीं दिखाई। हमने हमेशा चीजों को भगवान पर छोड़ दिया है, जब भी वह हमारे हाथों में नहीं होती हैं।'

पवन के पिता ने साधी चुप्पी

पवन के पिता ने साधी चुप्पी

इसी जगह पर दूसरे दोषियों के परिवार वाले भी रहते हैं, लेकिन कोई अब किसी से बात करने को तैयार नहीं है। मसलन पवन गुप्ता के माता-पिता अब किसी से बातचीत करने तक से इनकार कर रहे हैं। उन्होंने तो मीडिया वालों से यहां तक गुजारिश कर दी कि वे वहां से चले जाएं। गौरतलब है कि हाल तक पवन के पिता हीरालाल गुप्ता दावा करते थे कि उनका बेटा निर्दोष है। हालांकि, हीरालाल का मानना था कि पीड़िता के साथ हैवानियत हुई, लेकिन उसके मुताबिक इस केस में उसके बेटे पवन को फंसाया जा रहा है। हीरालाल ने कहा था, 'मेरा बेटा अपनी मां से बार-बार कहता है कि उसे गलत फंसाया गया है, वह इस गैंगरेप में शामिल नहीं था।'

एक नजर में निर्भया केस

एक नजर में निर्भया केस

सात साल पहले 16 दिसंबर,2012 की रात 23 साल की पैरामेडिकल की स्टूडेंट निर्भया के साथ 6 लोगों ने चलती बस में गैंगरेप किया था और उसके शरीर के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थीं। निर्भया को इन दरिदों ने जघन्य वारदात के बाद उसके मित्र के साथ चलती बस से दक्षिणी दिल्ली के इलाके में नीचे फेंक दिया था। इस घटना को लेकर दिल्ली समेत पूरे देश में जन-आक्रोश उमड़ पड़ा। बाद में निर्भया ने सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इस केस के 6 में से एक आरोपी ने ट्रायल के दौरान ही जेल में ही खुदकुशी कर ली थी। जबकि, छठा आरोपी नाबालिग होने की वजह से बाल सुधार गृह में मामूली समय गुजार कर बरी हो गया था।

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English summary
The mother of Pawan Sharma, convicted of the Nirbhaya incident, has said that everything is left to God
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