निर्भया को जब आधी रात लाया गया था अस्पताल, हैवानियत देख हिल गए थे डॉक्टर, सुनाई क्रूरता की पूरी कहानी
नई दिल्ली। निर्भया के दोषियों को पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को डेथ वारंट जारी किया। इन चारों दोषियों अक्षय, मुकेश, विनय और पवन को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी पर लटका दिया जाएगा। हिंदी दैनिक हिंदुस्तान ने सफदरजंग अस्पताल के उस डॉक्टर से बातचीत की है जिसने सबसे पहले निर्भया का इलाज शुरू किया था। डॉक्टर विपुल कंडवाल ने बताया कि निर्भया को जब अस्पताल ले जाया गया था तो डॉक्टरों ने देखते ही पुलिस वालों से कहा था कि ये किसकी लाश उठा लाये हो। डॉक्टरों ने इलाज के बाद साफ तौर पर कहा था कि उन लोगों ने इस तरह का केस आजतक नहीं देखा था।
बुरी तरह से जख्मी थी, शरीर से लगातार खून बह रहा था
डॉक्टर कंडवाल ने कहा कि निर्भया को इलाज के लिए सफदरगंज अस्पताल में लाया गया था। तब इमरजेंसी वार्ड में उनकी नाइट ड्यूटी थी। उन्होंने देखा कि एक तेज रफ्तार एंबुलेंस इमरजेंसी गेट के बाहर आकर रुकी और उसमें से एक लड़की को जल्दबाजी में इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया। कंडवाल ने बताया कि वो चेकअप करने के लिए फौरन युवती के पास पहुंचे, लेकिन उसकी हालत देख कर उनका दिमाग सन्न हो गया। वो बुरी तरह से जख्मी थी। उसके शरीर से लगातार खून बह रहा था। खून को रोकने के लिए तत्काल सर्जरी शुरू की गई। इसके बावजूद भी खून रुक नहीं रहा था, क्योंकि उसकी आंत गंभीर रूप से कटी हुई थी। ऐसे में खून रोकने के लिए बड़ी सर्जरी की जरूरत थी। काफी ट्रीटमेंट करने के बाद भी जब उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ तो बेहतर इलाज के लिए विदेश ले जाने का फैसला किया गया।
फांसी की तारीख सुनते ही ऐसा लगा कोई बोझ उतर गया हो
डॉक्टर कंडवाल ने बताया कि कोर्ट ने गैंगरेप के चारों दोषियों का डेथ वॉरंट जारी किया तो उन्हें बहुत सुकून मिला। उनका कहना है कि ऐसा लग रहा है जैसे उन पर वर्षों से जो बोझ था वो अब हल्का हो गया है। डॉ. कंडवाल ने बताया कि 'निर्भया' की हालत ने उन्हें इस कदर विचलित कर दिया था कि वो कई दिनों तक गुमसुम रहे थे। उनके मुताबिक 'निर्भया' की जान न बच पाने का मलाल उन्हें आज भी है।
निर्भया के माता-पिता क्या बोले?
कोर्ट के फैसले के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि दोषियों को फांसी से न्याय व्यवस्था में भरोसा बढ़ेगा। मेरी बेटी को न्याय मिला है। 4 दोषियों की सजा देश की महिलाओं को सशक्त बनाएगी। वहीं निर्भया के पिता बदरीनाथ सिंह ने भी कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले से हम खुश हैं। इस फैसले से ऐसे अपराध करने वाले लोगों में डर पैदा होगा।
शरीर पर थे दांत से काटने के निशान
बलात्कार के बाद 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा को दरिंदों ने जानवर की तरह दांतों से काटा था। दांत से काटने के निशान पीडि़ता के शरीर पर कई जगह थे। फॉरेंसिक जांच में साफ हो गया था कि दांत के निशान आरोपी अक्षय ठाकुर के थे। इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से पेश किये गये डेंटिस्ट ने गवाही भी दी थी।
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