निर्भया केस: हर दोषी के साथ कोठरी में रखे गए दो-दो कैदी, सौंपी गई ये बड़ी जिम्मेदारी
तिहाड़ जेल में कोठरी में हर दोषी के साथ उसी की उम्र के दो-दो कैदियों को भी रखा गया है...
नई दिल्ली। दिल्ली के बसंत विहार गैंगरेप केस में तिहाड़ जेल में बंद चारों दोषियों की फांसी के लिए जेल प्रशासन ने इंतजामों को लेकर तैयारी शुरू कर दी हैं। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति की तरफ से दोषियों की दया याचिका पर अंतिम फैसला आने के बाद किसी भी दिन चारों को फांसी दी जा सकती है। चारों दोषियों को भी इस बात का एहसास है कि उन्हें जल्द ही फांसी दे दी जाएगी। ऐसे में जेल प्रशासन सीसीटीवी कैमरे के जरिए चारों दोषियों पर 24 घंटे निगरानी रख रहा है। बताया जा रहा कि इन चारों का हर रोज मेडिकल चेकअप भी कराया जा रहा है। इस बीच तिहाड़ जेल से चारों दोषियों को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है।
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क्या है तिहाड़ के इस कदम की वजह
तिहाड़ जेल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, जेल प्रशासन ने निर्भया के चारों दोषियों को अलग-अलग कोठरियों में रखा है। कोठरी में हर दोषी के साथ उसी की उम्र के दो-दो ऐसे कैदियों को भी रखा गया है, जिनका व्यवहार जेल में अच्छा है। जेल प्रशाशन ने इन कैदियों को जिम्मेदारी दी है कि वो अपने साथ बंद दोषी को समझाते रहें। दरअसल बताया जा रहा है कि फांसी दिए जाने की खबरों को लेकर चारों दोषी घबराए हुए हैं। दोषी विनय शर्मा को दिल्ली की मंडोली जेल से तिहाड़ में शिफ्ट किए जाने के बाद से चारों को एहसास हो गया है कि अब किसी भी दिन उन्हें फांसी दिए जाने का फैसला आ सकता है। इसी बात को देखते हुए जेल प्रशासन ने यह कदम उठाया है।
चारों को एक साथ ही दी जाएगी फांसी!
आपको बता दें कि 2012 के दिल्ली गैंगरेप मामले में तीन अन्य दोषी अक्षय ठाकुर, मुकेश सिंह और पवन गुप्ता पहले से ही तिहाड़ जेल में थे। जबकि, विनय शर्मा को रविवार रात को तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया गया। इसके पीछे वजह माना जा रही है कि राष्ट्रपति की तरफ से दया याचिका पर फैसला आने के तुरंत बाद चारों को फांसी दी जा सकती है। खबर यह भी है कि चारों दोषियों को एक साथ ही फांसी दी जाएगी, हालांकि इसे लेकर अभी तक जेल प्रशासन की तरफ से कुछ भी नहीं कहा गया है।
विनय शर्मा ने कहा, दया याचिका पर मेरे साइन नहीं
हाल ही में निर्भया केस में दोषी विनय शर्मा ने अपनी दया याचिका को तत्काल वापस लेने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष एक याचिका दायर की थी। विनय शर्मा ने दावा किया था कि उसने किसी दया याचिका पर साइन नहीं किए हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और गृह मंत्रालय को पिछले शुक्रवार को भेजी गई एक चिट्ठी के मुताबिक, विनय शर्मा ने दया याचिका को रद्द करने की मांग की और साथ ही कहा कि यह दया याचिका बिना उसकी सहमति के भेजी गई थी।
'प्रदूषण से मर जाएंगे, फांसी की क्या जरूरत'
वहीं, सोमवार को निर्भया केस के एक अन्य दोषी अक्षय ठाकुर ने फिर से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। अक्षय ठाकुर ने फांसी की सजा से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की। अक्षय ठाकुर ने अपनी दलील में कहा कि दिल्ली में तो प्रदूषण से वैसे ही मर जाएंगे, फांसी की क्या जरूरत है। दूसरी तरफ तिहाड़ जेल में कोई जल्लाद ना होने के चलते जेल के अधिकारियों ने दूसरे राज्यों में जल्लाद को लेकर संपर्क साधना शुरू कर दिया है। तिहाड़ जेल के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि इसी महीने में निर्भया के दोषियों के लिए कभी भी फांसी की तारीख आ सकती है, ऐसे में जेल अधिकारी फांसी के इंतजाम पूरे रखने को लेकर अपने सभी विकल्पों की जांच कर रहे हैं।
जल्द से जल्द फांसी पर लटकाए जाने की मांग
गौरतलब है कि दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को अपने घर लौट रही 23 वर्षीय छात्रा से बस के अंदर गैंगरेप के मामले में 6 लोगों को दोषी ठहराया गया था। इस घटना के कुछ दिन बाद छात्रा की मौत हो गई और लोगों ने सड़कों पर उतरकर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर विरोध प्रदर्शन किए। दोषी ठहराए गए 6 लोगों में से एक राम सिंह ने ट्रायल के दौरान तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली थी, जबकि एक दोषी नाबालिग था। हाल ही में हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप और उसे जलाकर मारने की घटना के बाद निर्भया के दोषियों को जल्द से जल्द फांसी पर लटकाए जाने की मांग उठ रही है।