निर्भया केस: मुजरिमों को जिस फंदे से दी जाएगी फांसी उसकी कितनी है कीमत
नई दिल्ली। निर्भया के साथ हैवानियत करने वाले मुकेश, पवन, अक्षय और विनय (वैसे तो दरिंदे 6 थे लेकिन उनमें से एक नाबालिग था जो अब आजाद है और मुख्य आरोपी राम सिंह खुदकुशी कर चुका है) के हिस्से में मौत की सजा आई है। किसी भी वक्त उन्हें फांसी के फंदे पर लटकाया जा सकता है। इनके लिए सजा ए मौत से बचने के सारे कानूनी दरवाजे बंद हो चुके हैं। रहम का एक दरवाजा खुला था जिसकी अर्जी राष्ट्रपति के पास है और दया मिलने की उम्मीद ना के बराबर है। कभी भी याचिक खारिज हो सकती है और पटियाला हाउस कोर्ट से उन चारों के नाम मौत का आखिरी पैगामा (डेथ वारंट) सुनाया जा सकता है। तिहाड़ जेल में फांसी का ट्रायल शुरू हो गया है। फांसी के लिए बिहार की बक्सर जेल से 10 फंदे मंगवाए गए हैं।
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हर फंदे की कीमत 10 हजार रुपए
जेल अधिकारियों का कहना है कि फांसी के लिए बिहार की बक्सर जेल से 10 फंदे मंगवाए गए हैं। कहा जाता है कि फांसी की रस्सी यानी मनीला रोप को बनाने में बक्सर जेल को महारथ हासिल है। सौ मीटर के एक फंदे की कीमत दस हजार रुपये है। आपको बता दें कि फांसी का फंदा किसी आम रस्सी का नहीं बना होता है, ये एक खास रस्सी मनीला रोप होती है। फांसी देने वाली रस्सी बनाने के लिए पहले फिलीपींस की राजधानी मनीला से कपास मंगाया जाता था, इसलिए इसे मनीला रोप भी कहा जाता है। संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के लिए बक्सर से जो मनीला रोप मंगवाई गई थी, उसकी कीमत 860 रु थी। जेल के अधिकारी बताते हैं कि उस वक्त रस्सी से ज्यादा पैसा किराए में लग गया था।
मुजरिम की लंबाई से 16 गुणा ज्यादा लंबा होता है फांसी का फंदा
फांसी देने वाली रस्सी की लंबाई उस पर लटकाए जाने वाले की लम्बाई से 16 गुणा अधिक होती है। रस्सी में 7200 नट की एक गांठ बनाई जाती है, 56 फीट की रस्सी बनाई जाती है।
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अधिकारियों ने फांसी कोठी का किया मुआयना
जेल सूत्रों का कहना है कि पांच दिन पहले लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने फांसी घर का मुआयना किया था। उन लोगों ने पाया कि कुछ जगहों पर टूट फूट है तथा वहां गंदगी भी है। विभाग ने टूट फूट की मरम्मत व वहां की साफ-सफाई करवाई। आपको बता दें कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के बाद से तिहाड़ जेल संख्या तीन में स्थित फांसी घर बंद पड़ा था। फांसी घर को कभी-कभार तब ही खोला गया जब कोई विजिटर विशेष अनुमति लेकर इसे देखने आया।
क्या था निर्भया कांड
गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली के मुनेरका में एक प्राइवेट बस में अपने एक दोस्त के साथ चढ़ी 23 साल की पैरा मेडिकल छात्रा के साथ एक नाबालिग सहित छह लोगों ने चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म और लोहे के रॉड से क्रूरतम आघात किया गया था। इसके बाद गंभीर रूप से घायल पीड़िता और उसके पुरुष साथी को चलती बस से महिपालपुर में बस से नीचे फेंक दिया गया था। पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, उसके बाद तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार ने बेहतर इलाज के लिए उसे विशेष विमान से सिंगापुर भेजा था, जहां वारदात के 13वें दिन उसने दम तोड़ दिया था। छह आरोपियों में से एक नागालिग था जो अब छूट गया है। वहीं मुख्य आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ में ही आत्महत्या कर ली थी।