निर्भया मामला: सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मुकेश की याचिका खारिज की, सभी कानूनी विकल्प हुए खत्म
नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप मामले के दोषी मुकेश की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। मुकेश ने इस याचिका में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के फैसले पर सवाल उठाए थे। बता दें कि राष्ट्रपति ने मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी थी। 1 फरवरी को फांसी की तारीख तय है। अब मुकेश के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो गए हैं। निर्भया मामले के चार दोषियों में से एक मुकेश ने राष्ट्रपति से दया याचिका खारिज होने के बाद न्यायिक समीक्षा की मांग की थी।
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मुकेश की वकील ने लगाए ये आरोप
मुकेश की ओर से पेश वकील अंजना प्रकाश ने मंगलवार को ये आरोप लगाया था कि राष्ट्रपति के सामने सभी दस्तावेज नहीं रखे गए थे। जिसपर आज कोर्ट ने कहा है कि ऐसा नहीं है, राष्ट्रपति के सामने सभी दस्तावेज रखे गए थे और उन्होंने सभी दस्तावेजों को ध्यान में रखते हुए ही फैसला लिया था। वहीं वकील ने ये भी कहा था कि यह न्याय को खत्म करना है। इस पर अदालत ने पूछा कि आप यह कैसे कह सकती हैं कि राष्ट्रपति के सामने पूरे तथ्य नहीं रखे गए थे? यह कैसे कहा जा सकता है कि राष्ट्रपति ने सही से विचार नहीं किया?
केंद्र ने क्या कहा?
केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मुकेश की दया याचिका के साथ सारा रेकॉर्ड राष्ट्रपति को भेजा गया था। राष्ट्रपति को कौन सा रिकॉर्ड देखना है, ये उनका विशेषाधिकार है और वह इसका इस्तेमाल कैसे करेंगे, इसमें दखल नहीं दिया जा सकता है। दरअसल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 17 जनवरी को मुकेश की दया याचिका ठुकरा दी थी। जिसके बाद मुकेश के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जो अब खारिज हो गई है।
दोषियों को 1 फरवरी को दी जाएगी फांसी
इससे पहले इन दोषियों को 22 जनवरी को फांसी दी जानी थी, लेकिन दया याचिका और क्यूरेटिव पिटीशन के चलते फांसी की तारीख को टाल दिया गया और अब 1 फरवरी को इन दोषियों को सुबह 7 बजे फांसी दी जाएगी। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को फांसी दिए जाने का डेथ वारंट जारी कर दिया था। जिसके बाद से ही दोषियों की ओर से कई तरह के कानूनी रास्ते अपनाए जा रहे हैं।
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