निर्भया के दोषी ये काम करके फांसी से पहले पेश कर सकते हैं मिसाल, इस NGO ने कोर्ट से मांगी अनुमति
नई दिल्ली। साल 2012 में निर्भया गैंगरेप मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने बीते मंगलवार को चारों दोषियों का डेथ वॉरंट जारी कर दिया। इन चारों दोषियों अक्षय, मुकेश, विनय और पवन को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी पर लटका दिया जाएगा। अब एक एनजीओ की तरफ से इन चारों दोषियों को अंगदान करने के लिए राजी करने के मकसद से याचिका दायर किया गया है। अर्जी में याचिकाकर्ता ने फांसी की सजा पाए चारों दोषियों से मुलाकात की अनुमति मांगी है ताकि उन्हें अंग दान के लिए सहमत किया जा सके। RACO (रोड एंटी करप्शन ऑर्गेनाइजेशन) नाम की संस्था ने पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दोषियों से मुलाकात की मंजूरी मांगी है।
कोर्ट पर इस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। एडवोकेट आर कपूर ने कहा, एनजीओ राको की तरफ से मैंने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में निर्भया के दोषियों से मिलने के लिए याचिका दायर की है, ताकि उन्हें अंगदान के लिए मोटिवेट किया जा सके। 19 दिसंबर को हमने जेल के प्रशासन से बातचीत की थी तो उन्होंने हमसे कोर्ट का ऑर्डर लाने के लिए कहा था।''संस्था ने अपनी अर्जी में यह भी कहा है कि निर्भया के दोषियों से मिलने के लिए उन्होंने एक पैनल भी तैयार किया है।
जिसमें वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, डॉक्टर और मनोचिकित्सक शामिल होंगे, जो दोषियों से मिलकर उनको अंगदान करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। इससे ना सिर्फ लोगों की जिंदगी बचाने के लिए उनके अंगों का इस्तेमाल हो पाएगा बल्कि चारों दोषी भी शांति से मर सकेंगे कि वह समाज के लिए कुछ अच्छा काम करके जा रहे हैं।
अर्जी में कहा गया है कि हमारी हिंदू परंपरा में दधीचि ने जिस तरह से अपना पूरा शरीर दान किया और समाज के लिए उस शरीर का इस्तेमाल हुआ उसी तर्ज पर अंगदान को प्रोत्साहन देने के लिए अगर यह चारों दोषी तैयार होते हैं तो यह इनके परिवार के लिए भी सामाजिक तौर पर राहत देने वाला कदम होगा। दरअसल, निर्भया केस में इन चारों दोषियों के कृत्य के चलते इनके परिवार को भी सामाजिक उपेक्षा और शर्म का सामना करना पड़ रहा है। अंगदान इसको कम करने में मददगार साबित हो सकता है।