निर्भया केस: पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों का डेथ वारंट जारी करने से किया इनकार
नई दिल्ली। पटियाला हाउस कोर्ट में शुक्रवार को निर्भया के दोषियों को नए सिरे से डेथ वारंट जारी करने के मामले पर सुनवाई हुई। पटियाला हाउस कोर्ट में तिहाड़ जेल प्रशासन ने याचिका दायर की थी, जिसमें अधिकारियों ने कहा था कि तीन दोषियों की दया याचिका को राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं, ऐसे में नया डेथ वारंट जारी किए जाना चाहिए। कोर्ट ने दलीलों को सुनने के बाद नया डेथ वारंट जारी करने से इनकार करते हुए इस याचिका को खारिज कर दिया।
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डेथ वारंट जारी करने की मांग करने वाली याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा, 'जब कानून उन्हें जीने की इजाजत देता है, ऐसे में दोषियों को फांसी देना पाप है।' इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा के कोर्ट में सुनवाई हुई। बता दें कि निर्भया के चारों दोषी तिहाड़ जेल में बंद हैं। इसके पहले, चारों को 1 फरवरी को फांसी दी जानी थी लेकिन कानूनी विकल्पों के शेष रहने के कारण दोषियों की फांसी टल गई।
2012 Delhi gang-rape case: Court while dismissing the plea of prosecution stated that death warrants cannot be issued on the basis of conjecture alone. https://t.co/HQwcjxqCsr
— ANI (@ANI) February 7, 2020
दोषियों के वकील ने मांग की थी कि उनके कानूनी विकल्प अभी बचे हुए हैं, मुकेश और विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास खारिज हो चुकी है जबकि पवन ने अब तक सुधारात्मक याचिका दायर नहीं की है। दूसरी तरफ, निर्भया की मां और पिता लगातार कहते रहे हैं कि दोषी कानून का गलत फायदा ले रहे हैं और फांसी में देरी करने के हथकंडे अपना रहे हैं।
सात साल पहले, साल 2012 में दिल्ली में चलती बस में पैरामेडिकल की छात्रा निर्भया से 6 दरिंदों ने गैंगरेप किया था और पीड़िता को बस से नीचे फेंक दिया था। दिल्ली में हुई इस हैवानियत की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। कुछ दिनों बाद ही इलाज के दौरान निर्भया ने दम तोड़ दिया था। इस मामले में 4 दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई है, जबकि एक नाबालिग दोषी सजा काटकर जेल से बाहर आ चुका है।