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निर्भया केस: बेटों के कुकर्मों की सजा भुगत रहा निर्भया के दोषियों का परिवार

निर्भया के चारों दोषी को फांसी 18 दिंसबर के बाद कभी भी फांसी दी जाएगी। जानिए इन चारों आरोपियों के परिवार इनते वर्षों से किस हाल में हैं वर्षों से बेटों के कुकर्मो की सजा उनका परिवार कैसे भुगत रहा है। Know how the families of these four accused are in these years,family is suffering the punishment of

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बेंगलुरु। आज से सात साल पहले 16 दिसंबर की रात राजधानी दिल्ली की सड़कें जिस दरिंदगी की गवाह बनी थीं, उससे पूरा देश दहल गया था। क्या बड़े, क्या बूढ़े, देश के हर नागरिक की आंखों में अंगारे भड़क रहे थे और सबलोग न्याय की लड़ाई के लिए सड़क पर उतर आए थे। एक बस राजधानी की सड़कों पर दौड़ती रही और उस रात हैवानियत की सारी हदें पार होती रहीं। निर्भया को अपनी हवस का शिकार बनाने वाले चार दोषियों ने उस रात मानवता को शर्मसार कर दिया था। खबरों के अनुसार 18 दिसंबर के बाद इन चारों दोषियों को निर्भया के साथ दर्रिंदगी के लिए जल्‍द ही फांसी पर लटका दिया जाएगा। फांसी पर लटकाए जाने के साथ ही उनके अपराध की सजा तो मिल जाएगी। लेकिन इन चार दोषियों का परिवार उनके कुकर्मो का सजा ताउम्र झेलता रहेगा।

nibhya

बता दें निर्भया रेप कांड के बाद ज्यादातर आरोपियों के परिवार बिखर कर रह गए हैं। यह दोषी अभी तक जेल में थे तो इनके परिवार वालों को उम्मीद थी फांसी की सजा उम्रकैद में परिवर्तित हो जाएगी तो एक न एक दिन वह सजा भुगत कर जेल से बाहर आएंगे और अपने परिवार को संभाल लेंगे। लेकिन इनको फांसी दिए जाने की खबर जबसे इनके परिवार को मिली है उनकी मनोदशा को बयां कर पाना असंभव हैं। ये चार दोषी जबसे जेल गए है उसी दिन से इनके मां-बाप और पूरा परिवार समाज में लोगों से आंखे चुराते हुए जीवन के एक-एक दिन बिता रहे हैं।

दोषी पवन गुप्‍ता का परिवार

दोषी पवन गुप्‍ता का परिवार

निर्भया केस में शामिल पवन गुप्ता (22) ग्रेजुएशन की तैयारी कर रहा था। पवन गुप्ता का पिता हीरालाल गुप्ता फलों की रेहड़ी लगाता है, पवन गुप्ता अपने पिता के साथ फल की रेहड़ी पर हाथ बंटाता था! पवन की मां विकलांग है और उसे हार्ट और शुगर की बीमारी हैं। पूरा परिवार दिल्ली के रविदास कैंप में रहता है। पवन का परिवार कैम्प में अलग-थलग पड़ा हुआ है। किसी तरह से परिवार का भरण-पोषण हो रहा है। पड़ोसी एक ही कॉलोनी में रहने के बावजूद कोई भी बात तक करना पसंद नही करते। आरोपी पवन की 19 साल की बहन घटना के बाद से परेशान है। वह स्‍कूल जाने से भी बचती है। उसने एक साक्षात्तकार में बताया था कि मीडिया हमारे पीछे पड़ा हुआ है। कुछ तो मेरे स्कूल भी गए कि क्या मुझे निकाला जाएगा या नहीं।' फांसी की तारीख नजदीक आ रही है लेकिन मां का दिल ये मानने को तैयार नही है वह अभी भी अपने वकील से मौत की सजा को टालने की उम्मीद कर रही हैं। बता दें पवन पिछले कुछ दिनों तक मंडोली जेल में था और सात दिसंबर को उसे तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया गया है। दरअसल मंडोली जेल में फांसी की व्यवस्था नहीं है इसलिए उसे तिहाड़ में शिफ्ट किया गया है। निर्भया के चारों दोषियों को एक साथ ही तिहाड़ में फांसी लगाई जाएगी।

दोषी विनय कुमार शर्मा का परिवार

दोषी विनय कुमार शर्मा का परिवार

दूसरा आरोपी विनय कुमार शर्मा है जिसके पिता की एक आंख की रोशनी जा चुकी है। पिता ठेके पर एयरपोर्ट पर काम करता है। उसकी मां बीमार है। एक बहन शुगर की बीमारी है और दूसरी छोटी बहन भी बीमार रहती है। शादी करने की उम्र हो गई है लेकिन भाई के कुकर्मों के कारण उनके परिवार से कोई रिश्‍ता ही नही जोड़ना चाहता। बेटे के जेल में जाने के बाद से परिवार लोगों के सवालों और तानों से बचने के लिए घर से बाहर तक निकलने से बचता था। बता दें निर्भया के गैंगरेप के दौरान राम सिंह के अलावा विनय शर्मा (23) ने भी बस चलाई थी। ये पेशे से एक फिटनेस ट्रेनर था।

विनय शर्मा पढ़ता भी था और जिम ट्रेनर के रूप में परिवार का भरण पोषण करता था। पकड़े जाने के बाद तिहाड़ में ही यूनिवर्सिटी के एग्जाम की तैयारियां कर रहा था। चौंका देने वाली बात है कि विनय ने भी राम सिंह की तरह खुद को मारने की कोशिश की लेकिन वह नाकाम रहा।

 दोषी अक्षय कुमार सिंह का परिवार

दोषी अक्षय कुमार सिंह का परिवार

निर्भया का तीसरा दोषी अक्षय कुमार सिंह है। वह जब दिल्ली में आया था तो उसकी नई नई शादी हुई थी। उसे एक बच्चा भी है। बिहार का रहने वाला अक्षय अपनी पढ़ाई छोड़कर दिल्ली भाग आया था। अक्षय जेल में रहने के दौरान खबरों में आया था। उसके मुताबिक जेल में उसकी जान को खतरा है और इसलिए उसने सुरक्षा की मांग उठाई थी। अक्षय घटना के 5 दिन बाद उसके गांव (बिहार) से पकड़ा गया था।

घटना के वक्त वो बस में क्लीनर के तौर पर नौकरी कर रहा था। इस घटना के बाद लोगों के सवालियां निगाहों और हर दिन जिल्‍लत भरी जिंदगी से बचने के लिए उसका पूरा परिवार औरंगाबाद (बिहार) में चले गए। वही बीमार पिता और अक्षय की पत्नी बच्चे रहते हैं। पिता बीमार रहते हैं। कोई देखने वाला नहीं है, कमाने वाला नहीं है। सिर्फ एक कमाने वाला अक्षय ही था जो अब जेल में हैं।

अभी तक बूढ़े बाप को लगता था कि अक्षय जेल से एक न एक दिन छूट कर आएगा और अपने परिवार को संभाल लेगा। जिसके बाद वह निश्चिंत होकर दुनिया छोड़ सकेगा। लेकिन फांसी होने की बात सुनकर बेटे के इंतजार में बूढ़े पिता की आखें पथरा सी गयी है। बेटे के कुकर्म की वजह से समाज की इस परिवार के प्रति कोई सहानभूति नही हैं। ऐसे में इस परिवार कोई सात्वना देने वाला भी नही है।

दोषी मुकेश सिंह का परिवार

दोषी मुकेश सिंह का परिवार

मुकेश राम सिंह का सगा भाई था। राम सिंह ने जेल में कथित तौर पर खुदकुशी कर ली थी। राम सिंह ही परिवार में बड़ा था। राम सिंह के पिता अंधे थे जो अब इस दुनिया में नहीं रहे। रामसिंह का परिवार भी दिल्ली के रविदास कैंप में रहता था। इस घटना के बाद मिली बदनामी के बाद अपना घर छोड़कर दूसरे इलाके में शिफ्ट होना पड़ा। मुकेश और राम के पिता ने कई बार रविदास कैंप का अपना घर बेचना चाहा लेकिन रामसिंह के जेल में आत्महत्‍या करने के बाद कोई भी उस घर को खरीदने को तैयार नही हुआ। विरान पड़े उस घर को लोग कबाड़ का समान रखने के काम में ले रहे हैं।

बता दें कि मुख्य दोषी राम सिंह को माना गया था, जोकि वारदात की रात बस चला रहा था। उसने जेल के अंदर ही खुद को फांसी लगा ली थी। बस की सफाई का काम करने वाला मुकेश (29) भी इस बर्बरता का मुख्य आरोपी है। उसने गैंगरेप के बाद निर्भया पर लोहे की रॉड से हमला किया था। मुकेश ड्राइविंग और क्लीनर का काम करता था। मुकेश दक्षिणी दिल्ली के रविदास झुग्गी कैंप में राम सिंह के साथ ही रहता था।

18 दिसंबर के बाद दी जाएगी चारों दोषियों को फांसी

18 दिसंबर के बाद दी जाएगी चारों दोषियों को फांसी

निर्भया केस में छह आरोपियों को धर-दबोचा गया था। इसमें मुख्य दोषी राम सिंह को माना गया था, जोकि वारदात की रात बस चला रहा था। उसने जेल के अंदर ही खुद को फांसी लगा ली थी। वहीं एक नाबालिग था, जिसे रिहा कर दिया गया। निर्भया के चारों दोषियों को एक साथ ही तिहाड़ में फांसी लगाई जाएगी।

निर्भया के दोषियों की फांसी की तारीख 18 दिसंबर को तय होगी। शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट में निर्भया के माता-पिता की याचिका पर सुनवाई टाल दी गई। अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी। 17 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई होनी है। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट से अक्षय की याचिका खारिज होने के बाद जेल प्रशासन 18 दिसंबर को दोषियों की फांसी के लिए पटियाला हाउस कोर्ट में ब्लैक वारंट जारी करने के लिए याचिका दाखिल करेगा।

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English summary
Know how the families of these four accused are in these years,family is suffering the punishment of sons'misdeeds.
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