निर्भया केस: दोषी पवन गुप्ता के पिता की याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस में चार दोषियों में से एक पवन कुमार गुप्ता के पिता ने पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दायर की थी और आरोप लगाया था कि इस केस के एकमात्र गवाह ने पैसे देकर न्यूज चैनल्स को इंटरव्यू दिए। याचिका में ये भी आरोप लगाया गया था कि गवाह का बयान स्वैच्छिक नहीं था। कोर्ट ने शुक्रवार को इस याचिका पर सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया। कोर्ट 6 जनवरी को इस याचिका पर फैसला सुनाएगा।
इसके पहले, निर्भया गैंगरेप-हत्या मामले में दोषी पवन कुमार गुप्ता की खुद तो नाबालिग बताने वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। याचिका में दावा किया गया था कि वह 2012 में अपराध के समय किशोर था इसलिए किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के तहत फैसला सुनाया जाना चाहिए। इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी।
दोषी के वकील एपी सिंह ने दस्तावेज पेश करने के लिए कोर्ट से और वक्त मांगा था जिसके बाद कोर्ट ने 24 जनवरी तक के लिए इस मामले की सुनवाई टाल दी थी। दोषी पवन की याचिका पर आज न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत की पीठ ने सुनवाई शुरू की। इस याचिका में पवन कुमार गुप्ता ने आरोप लगाया कि जांच अधिकारी ने उसकी उम्र का पता लगाने के लिए हड्डियों संबंधी जांच नहीं की थी।
निर्भया गैंंगरेप केस में सुनाई गई है मौत की सजा
पवन को निर्भया गैंगरेप-मर्डर केस में 3 अन्य के साथ मौत की सजा सुनाई गई है और वह तिहाड़ जेल में बंद है। निर्भया केस में चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है। इस मामले में चार में से एक दोषी अक्षय ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया।