फांसी का समय करीब देख डिप्रेशन में गए निर्भया के मुजरिम, खाना-पीना छोड़ा
नई दिल्ली। दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 की रात निर्भया के साथ हुए गैंगरेप की वारदात से पूरा देश हिल गया था। अब निर्भया को इंसाफ मिलने का वक्त नजदीक आता दिख रहा है। इस बीच जानकारी मिल रही है कि तिहाड़ जेल में बंद निर्भया के चारो दोषी डिप्रेशन (अवसाद) में हैं। जेल सूत्रों के हवाले से चारों दोषियों- अक्षय, मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा ने खाना पीना छोड़ दिया है। चारों की सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है, ताकि वे खुद को कोई नुकसान न पहुंचा सकें। तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल समेत वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को जेल का दौरा कर दोषियों को फांसी पर लटकाने की तैयारियों का जायजा लिया और संतुष्टि जाहिर की। इस चर्चित मामले की कोई जानकारी लीक न हो, इसके लिये तिहाड़ जेल के अधिकारियों के फोन निगरानी (सर्विलांस) पर लगा दिये गए हैं।
पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनवाई 18 दिसंबर तक टाल दी है
शुक्रवार को ही चारों दोषियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गय। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि इस केस से जुड़ा एक मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसलिए जब तक वहां मामले का निपटारा नहीं हो जाता तब तक लोअर कोर्ट सुनवाई नहीं करेगा। पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनवाई 18 दिसंबर तक टाल दी है। शुक्रवार को निर्भया की मां आशा देवी ने शीर्ष अदालत का रुख कर मौत की सजा पाए चार दोषियों में से एक की पुनर्विचार याचिका का विरोध किया। इस पर 17 दिसंबर को सुनवाई की जानी है। निर्भया की मां ने दोषियों को जल्द से जल्द सजा देने की मांग की है। उन्होंने कहा, 'दोषियों को सजा दिलाने के लिए मैंने सात साल का लंबा इंतजार किया है। ऐसे में मैं सात दिन और रुक सकती हूं।
फांसी के लिए चार तख्त तैयार किए गए
फांसी के लिए चार तख्त तैयार किए गए हैं। इनका ट्रायल भी कर लिया गया। संदीप गोयल का कहना है कि फांसी के लिए तैयारियां पूरी की जा रही हैं। ट्रायल के लिए तिहाड़ में मौजूद संसाधनों का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। दोषियों की फांसी के लिए बक्सर जेल में तैयार कराई गई रस्सियां बुधवार देर रात तिहाड़ पहुंच गईं। जल्लाद का नाम भी तय किया जा चुका है।
ये हुआ था 16 दिसंबर की उस रात
गौरतलब है कि 16-17 दिसंबर 2012 की दरमियानी रात दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में छह लोगों ने 23 वर्षीय एक छात्रा का सामूहिक बलात्कार किया था। बर्बरता के बाद उसे सड़क पर फेंक दिया था। बर्बर हमले की शिकार छात्रा को निर्भया नाम दिया गया था। उसने 29 दिसंबर को सिंगापुर के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
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