निर्भया केस: दोषी के वकील का सुप्रीम कोर्ट में दावा, तिहाड़ जेल में हुआ मुकेश का यौन शोषण, बेरहमी से पीटा गया
नई दिल्ली। निर्भया केस के 4 गुनहगारों में से एक मुकेश कुमार सिंह ने राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज किए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसपर आज सुनवाई हो रही है। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच दोषी मुकेश की याचिका पर सुनवाई कर रही है। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान मुकेश के वकील ने सनसनीखेज दावा करते हुए कहा कि उसका (मुकेश) तिहाड़ जेल में यौन शोषण हुआ था।
मुकेश की निर्मम पिटाई हुई थी- वकील
दोषी के वकील अंजना प्रकाश ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि आपको हर कदम पर अपना दिमाग लगाना होगा, आप किसी की जिंदगी से खेल रहे हैं। तिहाड़ जेल में जाने के बाद मुकेश की निर्मम पिटाई हुई थी। वकील ने दावा किया कि निर्भया केस में एक आरोपी की आत्महत्या वास्तव में मर्डर थी, जो सालों तक छिपी रही। वकील ने कहा कि दया याचिका में सभी तथ्य राष्ट्रपति के सामने नहीं रखे गए।
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राष्ट्रपति के सामने सारे तथ्य नहीं रखे गए- वकील का दावा
इसपर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आप कैसे कह सकते हैं कि राष्ट्रपति ने याचिका ठुकराने से पहले दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया। वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कभी-कभी मेडिकल हेल्थ और कंडीशन ऐसी होती है कि दोषी को मौत की सजा नहीं दी जा सकती है लेकिन इस केस में दोषी मुकेश की मेडिकल कंडीशन ठीक है। बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 17 जनवरी को मुकेश की दया याचिका ठुकरा दी थी। अंजना प्रकाश ने कहा कि सभी फैसले और केस डायरी सहित सारे दस्तावेज राष्ट्रपति के पास भेजे जाने चाहिए। यह सब दिया गया था या नहीं, हमें नहीं पता।
पटियाला हाउस कोर्ट ने जारी किया है डेथ वारंट
निर्भया के चारों दोषियों को एक फरवरी सुबह सात बजे फांसी दी जानी है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को फांसी दिए जाने का डेथ वारंट जारी कर दिया था। जिसके बाद से ही दोषियों की ओर से कई तरह के कानूनी रास्ते अपनाए जा रहे हैं। दिल्ली की अदालत ने पहले 22 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी देने का ऐलान किया था, लेकिन कुछ दोषियों के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर करने पर तकनीकी दिक्कत की वजह से फांसी टल गई थी। इसके बाद अदालत ने नई तारीख का ऐलान किया और 1 फरवरी की तारीख तय कर दी गई।