निर्भया केस: दोषियों के वकील ने कहा- चारों को अभी नहीं दी जा सकती फांसी, बताई ये वजह
नई दिल्ली। सात साल पहले के दिल्ली के निर्भया गैंगरेप-मर्डर केस में चारों दोषियों के खिलाफ कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी कर दिया है। दिल्ली की अदालत के आदेश के मुताबिक, निर्भया के दोषियों को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी दी जानी है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा चारों दोषियों को दोबारा डेथ वॉरंट जारी करने के आदेश के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने निराशा जाहिर की थी। वहीं, दोषियों के वकील एपी सिंह का कहना है कि चारों को अभी फांसी नहीं दी जा सकती है, उन्होंने इसके पीछे लूट के एक मामले के अदालत में लंबित होने का तर्क दिया।
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वकील ने कहा- लूट का मामला हाईकोर्ट में लंबित
दोषियों के वकील ने कहा, 'चारों को फांसी तब तक नहीं दी जा सकती है, जब तक दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित लूट के मामले में अपील का निपटारा नहीं किया जा सकता है।' उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने इस तथ्य को छिपाए रखा। बता दें कि साल 2015 में दिल्ली की एक अदालत ने लूट के मामले में चारों को दोषी ठहराया था और 10 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद चारों दोषियों विनय, मुकेश, अक्षय और पवन ने निचली अदालत के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस मामले में चारों की अपील हाईकोर्ट में लंबित है।
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दोषी पवन ने स्पेशल लीव पिटिशन दायर की
निर्भया केस के दोषी पवन गुप्ता ने खुद को नाबालिग बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन दायर की है। उसका दावा है कि जब घटना घटी थी तब वह नाबालिग था। पवन का आरोप है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने इस तथ्य को ध्यान से नहीं सुना। दोषी ने हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें अदालत ने फर्जी दस्तावेज जमा करने और अदालत में हाजिर नहीं होने के लिए वकील को फटकार लगाई थी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाया था वकील पर जुर्माना
इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस सुरेश कैत ने निर्भया के दोषी पवन कुमार गुप्ता के वकील एपी सिंह पर अदालत का वक्त जाया करने और मामले को लटकाए रखने वाला हथकंडा अपनाने के कारण 25,000 रुपए का जुर्माना ठोका था। बता दें कि राष्ट्रपति ने निर्भया के दोषी मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी है। दूसरी तरफ, तिहाड़ जेल प्रशासन की अर्जी पर पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों को नया डेथ वारंट जारी दिया है। चारों को 1 फरवरी को फांसी दी जानी है।