निर्भया के वकील ने बताया, चारों दोषियों की फांसी में क्यों हो रही देरी
नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप केस में 13 दिसंबर को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई होनी है। इस सुनवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चारों दोषियों को नोटिस देकर पूछा था कि वे बताएं कि कोई अर्जी लगाना चाहते हैं या नहीं। निर्भया के माता-पिता ने दोषियों को जल्द से जल्द फांसी पर लटकाने की मांग करते हुए अर्जी दायर की थी। इस मामले में कोर्ट में निर्भया के वकील जितेंद्र झा ने बताया कि दोषियों को कब तक फांसी हो सकती है। साथ ही उन्होंने बताया कि अब तक फांसी में देरी क्यों हुई है।
सिस्टम ठीक से काम करे तो महीने भर में लग जाएगी फांसी- वकील
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, निर्भया के मामले में कोर्ट में बहस करने वाले वकील जितेंद्र झा ने कहा कि अगर सिस्टम ठीक से काम करने लगे तो महीने भर के भीतर दोषियों को फांसी हो सकती है। बता दें कि पिछले साल जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए फांसी की सजा बरकरार रखी थी। हालांकि, चौथे दोषी अक्षय ने फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका अब दायर की है। उसने सुप्रीम में अपील कर कहा है कि जब दिल्ली में प्रदूषण से मरने ही वाले हैं तो उसे फांसी क्यों दी जा रही है।
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दिल्ली सरकार ने जल्द फांसी दिलाने के लिए कोशिश नहीं की- वकील
अभी इस मामले के दोषियों की दया याचिका राष्ट्रपति के पास विचाराधीन है और जैसे ही वहां से उनकी सजा पर अमल करने की हरी झंडी मिलती है, इन चारों को फांसी के फंदे पर लटकाया जा सकता है। निर्भया के वकील ने कहा कि इस तरह की याचिकाएं लगाकर दोषी फांसी की सजा में देरी कर रहे हैं। वकील ने कहा कि फांसी में देरी इसलिए भी हो रही है क्योंकि सरकारी एजेंसियां कुंभकरण की नींद में सोई हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने फांसी जल्द कराने की कोशिश नहीं की।
दोषियों ने सिस्टम की कमियों का फायदा उठाया- वकील
उन्होंने कहा कि ये दिल्ली की सरकार की जिम्मेदारी थी कि सुप्रीम कोर्ट ने जब पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी तो फांसी पर दोषियों को लटकाने के लिए कोशिश करनी चाहिए थी। वकील ने कहा कि चारों जानते हैं कि एकसाथ ही इनको सजा दी जाएगी, इसलिए बारी-बारी से देरी करने की ये कोशिश कर रहे हैं। सिस्टम की कमियों का ये भरपूर फायदा उठा रहे हैं। गौरतलब है कि निर्भया से गैंगरेप करने के चारों दोषी इस वक्त तिहाड़ जेल में बंद हैं।
चारों को कोर्ट ने सुनाई है फांसी की सजा
इन सभी दोषियों की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है। बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली में एक प्राइवेट बस में अपने एक दोस्त के साथ चढ़ी 23 साल की पैरा मेडिकल छात्रा के साथ एक नाबालिग सहित छह लोगों ने गैंगरेप किया था और लोहे के रॉड से पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में आघात किया था। इसके बाद गंभीर रूप से घायल पीड़िता और उसके पुरुष साथी को चलती बस से नीचे फेंक दिया था।