Nipah Virus: केरल में एक और की मौत, 31 मई तक बंद की गई कालीकट यूनिवर्सिटी
अब तक निपाह वायरस से मरने वालों की संख्या 12 पहुंच गई है। गुरुवार सुबह केरल में एक और शख्स ने इस वायपस के संपर्क में आने से अपनी जान गंवा दी। राज्य में वायरस का खौफ इस कदर फैल गया है कि सभी सार्वजनिक और सरकारी प्रोग्राम का अगले 10 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है।
कोझिकोड। अब तक निपाह वायरस से मरने वालों की संख्या 12 पहुंच गई है। गुरुवार सुबह केरल में एक और शख्स ने इस वायपस के संपर्क में आने से अपनी जान गंवा दी। राज्य में वायरस का खौफ इस कदर फैल गया है कि सभी सार्वजनिक और सरकारी प्रोग्राम का अगले 10 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। वहीं कोझिकोड की कालीकट यूनिवर्सिटी को भी 31 मई तक बंद कर दिया गया है और सभी परीक्षाओं कि तिथि आगे बढ़ा दी गई है। ये फैसला कोझिकोड में 31 मई तक कोई भी प्रोग्राम न करने के सरकारी फरमान के बाद लिया गया।
केरल में फैले निपाह वायरस से सभी तरह के सरकारी और सार्वजनिक प्रोग्राम को एक हफ्ते के लिए बंद कर दिया गया है। निपाह वायरस की चपेट में आने से केरल में ही अब तक 11 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। गुरुवार को वालाचुकेट्टी मूसा नाम के एक शख्स की वायरस के संपर्क में आने से मौत हो गई। मूसा के बच्चे मोहम्मद सलिह और मोहम्मद सादिक की भी कुछ दिन पहले वायरस के कारण मौत हो गई थी। 17 मई को मूसा में वायरस के लक्षण दिखने के बाद भर्ती किया गया था, जिसके एक हफ्ते बाद उनकी मृत्यु हो गई।
केरल में निपाह वायरस से सबसे ज्यादा मौतें कोझिकोड में हुई हैं। कोझिकोड में अब तक 8 और मल्लपुरम में 3 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। सरकार ने आदेश दिया है कि कोझिकोड में अगले कुछ दिनों तक किसी भी तरह का सार्वजनिक कार्यक्रम न रखा जाए। इसके बाद शहर में सभी तरह के प्रोग्राम पर 31 मई तक रोक लगा दी गई है और कालीकट यूनिवर्सिटी में परीक्षाएं टाल कर उसे बंद कर दिया गया है। यूनिवर्सिटी के वाइस-चांसरल डॉ. मोहम्मद बशीर ने कहा, 'ये एक गंभीर मामला है। इसलिए हम छात्रों और टीचरों को लेकर कोई रिस्क नहीं ले सकते। एक बार हालातों पर काबू पा लिया जाए तो परीक्षाओं की नई तिथियों की घोषणा कर दी जाएगी।'
कालीकट यूनिवर्सिटी की पीजी प्रवेश परीक्षा 25 और 26 मई को होनी थी, लेकिन अब उसे 9 और 10 जून तक के लिए टाल दिया गया है। ये खतरनाक वायरल अब केरल के पड़ोसी राज्यों में भी फैलना शुरू हो गया है।
निपाह वायरस मनुष्यों के संक्रमित सुअर, चमगादड़ या अन्य संक्रमित जीवों से संपर्क में आने से फैलता है। यह वायरस एन्सेफलाइटिस का कारण बनता है। यह इंफेक्शन फ्रूट बैट्स के जरिए लोगों में फैलता है। इससे पीड़ित मनुष्य को इस इन्सेफलेटिक सिंड्रोम के रूप में तेज संक्रमण बुखार, सिरदर्द, मानसिक भ्रम, विचलन, कोमा और आखिर में मौत होने के लक्षण नजर आते हैं।
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