श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 48 घंटे में नौ यात्रियों की हुई मौत, रेलवे ने बताई ये वजह?
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 48 घंटे में नौ लोगों की हुई मौत, रेलवे ने बताई ये वजह?
नई दिल्ली। चिलचिलाती गर्मी और भूखे प्यासे श्रमिक ट्रेनों में यात्रा कर रहे प्रवासी श्रमिकों का सफर बहुत ही कष्टकारी हो चुका हैं। भारतीय रेलवे की श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा के दौरान पिछले 48 घंटों में नौ लोगों की मौत की खबर सामने आई हैं। मरने वालों के रिश्तेदारों और अधिकारियों ने ये जानकारी बुधवार 27 मई को दी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इनमें से पांच लोग उत्तर प्रदेश जा रहे थे और चार बिहार की यात्रा कर रहे थे।
नौ मृतकों में वो महिला भी शामिल हैं जिसका वीडियो वायरल हुआ था
सोमवार से लेकर अब तक श्रमिक स्पेशल' ट्रेनों में नौ यात्रियों को मृत पाया गया है और उनमें वो महिला भी शामिल है, जिसका छोटा सा बेटा बिहार के एक रेलवे प्लेटफार्म पर पड़ी अपनी मां की लाश के पास उसे उठाने का प्रयास कर रहा था। इस मासूम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ था। ये वायल वीडियो 35 वर्षीय उरेश खातून का था। बता दें मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर सोमवार, 25 मई को प्रवासी मजदूरों के साथ एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन पहुंची। ट्रेन में अपने ढाई साल के बच्चे के साथ यह महिला भी थी। पुलिस ने बताया कि महिला अहमदाबाद से मधुबनी जाने के लिए अपने रिश्तेदारों के साथ श्रमिक एक्सप्रेस से आ रही थी और उसी दौरान रास्ते में उसकी मौत हो गई। मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर प्रशासन ने मृतक महिला के शव को उतारा और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। दो दिन पहले राजद नेता तेजस्वी यादव के सहयोगी और संजय यादव द्वारा उस मासूम बच्चे का वीडियो ट्वीट किया था जो अपनी मां की लाश के पास उसे जगाने का प्रयास कर रहा था। ये वह अपनी मां पर पड़ी चादर के साथ खेल रहा था। "यह छोटा बच्चा नहीं जानता है कि जिस बेडशीट के साथ वह खेल रहा है वह उसकी माँ का कफन है जो सदा के लिए उसे छोड़ कर चली गई हैं। बताया जा रहा था कि उसकी माँ चार दिनों तक ट्रेन में रहने के बाद भूख और प्यास के कारण मर गई। तेजस्वी यादव ने ट्वीट सवाल उठाया था कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है। ट्रेनों में मौत?
रेलवे ने बताई मौत की ये वजह
बता दें 1 मई को प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों में ले जाने के लिए शुरु किए जाने के बाद गैर-वातानुकूलित ट्रेनों में कुछ मौतों की सूचना पहले भी दी गई थी। वहीं रेलवे ने बुधवार को कहा कि ज्यादातर यात्रा के दौरान जिनकी मौत हुई वे मृतक पहले से ही बीमार थे जिस कारण उनकी मौत हुई। मालूम हो कि पिछले सोमवार को जो 9 मौतें हुई वो उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाली विभिन्न ट्रेनों में हुईं लेकिन बुधवार को दोनों राज्यों में रेलवे और नागरिक अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट की गई।
प्रवासी पिता ने अपने साढ़े चार साल के बच्चे की मौत पर कही ये बात
मुजफ्फरपुर से एक और मौत की सूचना मिली दिल्ली से बिहार जा रहा प्रवासी के साढ़े चार साल के बेटे की मौत हो गई। मुजफ्फरपुर में रेलवे स्टेशन पर लड़के की मौत हो गई,उसके पिता का कहना था कि अगर उसे थोड़ा दूध मिल जाता तो वो अपने बच्चे को बचा लेता । जबकि उनके पिता मकसूद आलम उर्फ मोहम्मद पिंटू ने कहा कि उनके बेटे की गर्मी से मौत हो गई, पुलिस उपाधीक्षक, रेलवे, रमाकांत उपाध्याय ने दावा किया कि लड़का कुछ समय के लिए बीमार था और ट्रेन से दिल्ली पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई थी। ऐसे ही बिहार के दानापुर में, हृदय रोगी, 70 वर्षीय बसिष्ठ महतो का शव मुंबई-दरभंगा ट्रेन से निकाला गया। रेलवे ने कहा कि महतो मुंबई में इलाज के बाद अपने परिवार के साथ लौट रहा था और मैहर और सतना के बीच उसकी मौत हो गई।
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि सभी पहले से थे बीमार
वहीं
वाराणसी
रेलवे
स्टेशन
पर
बुधवार
सुबह
एक
ट्रेन
में
दो
प्रवासी
की
मौत
हो
गई।
पूर्वोत्तर
रेलवे
के
प्रवक्ता
अशोक
कुमार
ने
कहा
कि
ट्रेन
मुम्बई
के
लोकमान्य
तिलक
टर्मिनस
से
सुबह
8.21
बजे
वाराणसी
के
मंडुआडीह
स्टेशन
पर
आई
थी।
तब
जीआरपी
कर्मियों
ने
उन्हें
मृत
पाया।उन्होंने
कहा
कि
एक
चिकित्सा
परीक्षण
के
दौरान,
यह
पाया
गया
कि
दोनों
गंभीर
रुप
से
पहले
से
ही
बीमार
थे।
उनमें
से
एक,
जो
दशरथ
प्रजापति
(30)
के
रूप
में
पहचाना
गया,
वह
यूपी
के
जौनपुर
का
निवासी
था।
मुंबई
में
उन्हें
किडनी
से
जुड़ी
समस्या
का
इलाज
चल
रहा
थो
वहीं
एक
पीड़ित
की
पहचान
यूपी
के
आजमगढ़
जिले
के
निवासी
राम
रतन
(63)
के
रूप
में
हुई।उनके
साथ
यात्रा
कर
रहे
दशरथ
के
एक
रिश्तेदार
ने
कहा
कि
उन्होंने
कुछ
स्वास्थ्य
समस्या
की
शिकायत
की
थी
जब
वे
इलाहाबाद
पहुंचे
और
फिर
सो
गए।रिश्तेदार
के
वाराणसी
पहुंचने
पर
दशरथ
नहीं
उठे।
उत्तर
प्रदेश
के
बलिया
में
मंगलवार
शाम
सूरत-हाजीपुर
ट्रेन
में
एक
58
वर्षीय
प्रवासी
को
मृत
पाया
गया,
पुलिस
अधीक्षक,
देवेंद्र
नाथ
ने
कहा।
उनकी
पहचान
बिहार
में
सारण
जिले
के
भूषण
सिंह
के
रूप
में
की
गई
है।अधिकारियों
ने
कहा
कि
कानपुर
में,
एक
झांसी-गोरखपुर
ट्रेन
में
दो
मध्यम
आयु
वर्ग
के
प्रवासियों
को
मृत
पाया
गया,
जबकि
वे
अपने
गृह
जिलों
के
रास्ते
पर
थे।एक
की
पहचान
राम
अवध
चौहान
(45)
के
रूप
में
की
गई,
जबकि
दूसरे
पीड़ित
की
पहचान
अब
तक
स्थापित
नहीं
की
गई
है।जीआरपी
के
स्टेशन
हाउस
ऑफिसर
(कानपुर
सेंट्रल),
राम
मोहन
राय
ने
कहा
कि
आजमगढ़
के
जहानागंज
के
मकरौंडा
निवासी
चौहान
मुंबई
से
अपने
गृह
शहर
जा
रहे
थे।
चौहान
एक
श्रमिक
ट्रेन
से
मुंबई
से
झाँसी
पहुँचे
थे।
वह
झांसी
से
गोरखपुर
जा
रही
एक
अन्य
ट्रेन
में
सवार
हो
गया
और
उसने
रास्ते
में
ही
दम
तोड़
दिया।
"वह
मधुमेह
से
पीड़ित
था,"
राय
ने
कहा,
उन्होंने
साँस
लेने
में
कठिनाई
की
शिकायत
की
और
सह-यात्रियों
के
ऊपर
ट्रेन
में
उल्टी
कर
दी।उन्होंने
कहा
कि
एक
मध्यम
आयु
वर्ग
के
प्रवासी
को
भी
एक
अन्य
ट्रेन
में
मृत
पाया
गया।
हालाँकि,
उसके
बारे
में
विवरण
तत्काल
उपलब्ध
नहीं
थे।बहराइच
(यूपी)
निवासी
45
वर्षीय
शेख
सलीम
का
शव
मध्य
प्रदेश
के
सागर
स्टेशन
पहुंचने
पर
वापी-दीन
दयाल
उपाध्याय
जंक्शन
ट्रेन
से
मिला।"दिल्ली
में
एक
रेलवे
प्रवक्ता
ने
कहा।"श्रमिक
स्पेशल
ट्रेनों
में
कुछ
लोगों
की
मौतें
हुई
हैं।
ज्यादातर
मामलों
में,
यह
पाया
गया
है
कि
जो
लोग
मारे
गए
हैं
वे
पुराने,
बीमार
लोग
और
पुरानी
बीमारियों
के
मरीज
हैं,
जो
वास्तव
में
चिकित्सा
के
लिए
बड़े
शहरों
में
गए
थे
और
केवल
वापस
आ
सकते
थे।