क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

नाइकी ने इंसानी ख़ून वाले ‘शैतानी जूतों’ के ख़िलाफ़ मुक़दमा जीता

नाइकी के इन जूतों को एक आर्ट कलेक्टिव ने डिज़ाइन किया है और इसके सिर्फ़ 666 जोड़ी जूते ही तैयार किए गए थे.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News

जूते और स्पोर्ट्स का सामान बनाने वाले अंतरराष्ट्रीय ब्रांड नाइकी ने ब्रुकलिन के आर्ट कलेक्टिव MSCHF के ख़िलाफ़ 'शैतानी जूतों' का विवादित मुक़दमा जीत लिया है. इन जूतों के सोल (तलवे वाले हिस्से) में इंसान के ख़ून की बूंद भी इस्तेमाल की गई थी. ललित कला के लिए काम करने वाली आर्ट कलेक्टिव MSCHF ने रैपर लिल नैस एक्स के साथ मिलकर इस जूते को डिज़ाइन किया था. 1,018 डॉलर (तक़रीबन 75 हज़ार रुपये) की क़ीमत वाला यह जूता असल में नाइकी एयर मैक्स 97s का मॉडिफ़ाइड वर्ज़न था जिसमें ईसाइयों के पवित्र चिह्न पेंटाग्राम और क्रॉस को भी इस्तेमाल किया गया था. इस तरह के 666 जूते तैयार किए गए थे, जो सब बिक चुके हैं.

NIKE

नाइकी ने क्यों दायर किया मुक़दमा?

नाइकी ने इसे अपने ट्रेडमार्क का उल्लंघन बताते हुए न्यूयॉर्क के फ़ेडरल कोर्ट में मुक़दमा दायर किया था और MSCHF को यह जूते बेचने और उसके लोगो 'स्वूश' का इस्तेमाल रोकने की मांग की थी. स्पोर्ट्स जूते बनाने वाली कंपनी नाइकी ने अपने मुक़दमे में कहा, "MSCHF और उसके अनाधिकृत शैतानी जूते MSCHF के उत्पादों और नाइकी को लेकर भ्रम और ग़लतफ़हमी की स्थिति पैदा कर सकते हैं." वहीं, MSCHF की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि 666 जोड़ी जूते कोई 'आम जूते नहीं हैं बल्कि यह व्यक्तिगत रूप से बनाई गई एक आर्ट है जिसे इसे सहेजने वालों को 1,018 डॉलर में बेची गई थी.'

नाइकी का पक्ष लेते हुए फ़ेडरल जज ने गुरुवार को इस पर रोक लगाने का अस्थायी आदेश जारी कर दिया. इस आदेश का क्या असर होगा यह बिलकुल साफ़ नहीं है क्योंकि MSCHF यह संकेत दे चुकी है कि उसके इस तरह के जूते और बनाने की कोई योजना नहीं है. इस जूते पर 'ल्यूक 10:18' भी लिखा है जो कि बाइबल की एक आयत है. हर जूते में नाइकी का साइन भी है. इन काले-लाल जूतों में इंसानी ख़ून की बूंद का भी इस्तेमाल किया गया है जो कि MSCHF आर्ट कलेक्टिव के सदस्यों ने डोनेट किया था.

विवाद कहां से शुरू हुआ?

न्यूयॉर्क के ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट के यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में केस दायर करते हुए नाइकी ने कहा था कि उसने शैतानी जूतों को ख़ासतौर से बनाने की कोई अनुमति नहीं दी थी. नाइकी ने कहा, "बाज़ार में भ्रम और बदनाम करने के बहुत से साक्ष्य मौजूद हैं. MSCHF के शैतानी जूतों के कारण नाइकी के बहिष्कार की मांग की जा रही है. यह ग़लतफ़हमी हो गई है कि नाइकी ने इस उत्पाद को मंज़ूरी दी है." मुक़दमे के दौरान जूतों की जानकारी देने वाले प्रसिद्ध ट्विटर हैंडल @Saint के शुक्रवार को किए गए ट्वीट का हवाला दिया गया जिसमें इस जूते के बारे में जानकारी दी गई थी जिसके बाद अमेरिका में मीडिया और सोशल मीडिया पर इस पर बहस छिड़ गई.

साउथ डकोटा की कंज़रवेटिव गवर्नर क्रिस्टी नोम समेत कई आस्थावान लोगों ने इस विवादित जूतों पर आपत्ति जताई और लिल नेस एक्स और MSCHF की आलोचना की.

https://twitter.com/govkristinoem/status/1376239196709478400

इसके बाद लिल नेस एक्स ने गवर्नर और कई आलोचकों पर ट्विटर पर जवाब देते हुए नाइकी के मुक़दमे पर कई मीम्स ट्वीट किए. टेनेसी में रहने वाले जॉजेफ़ रेश ने इन जूतों को ख़रीदने के लिए 1,080 डॉलर ख़र्च किए थे, अब उन्हें डर है कि इस विवाद के कारण उनके पैसे डूब जाएंगे. उन्होंने बीबीसी से कहा कि उन्हें लगता था कि उन्होंने इसके लिए पैसे ख़र्च किए हैं तो वो उन्हें मिल जाएंगे. उन्होंने कहा कि उन्होंने इन जूतों को एक राजनीतिक बयान के तौर पर पहनने का सोचा था.

यह भी पढ़ें: ऐसी चिप जिसकी कमी से अर्थव्यवस्था की रफ़्तार पड़ सकती है धीमी

उन्होंने कहा, "मैं एक काले आदमी का समर्थन करना चाहता था जिसने बहुसंख्यक ईसाई देश में एक अलग कहानी दिखाने की कोशिश की है जहां पर काले लोगों को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. तो उस व्यक्ति के ज़रिए बनाए गए जूते ख़रीदने से बेहतर और क्या हो सकता था?" साउथ कैरोलाइना के एक ख़रीदार मैकेंज़ी नॉरिस काफ़ी समय से MSCHF आर्ट कलेक्टिव को फ़ॉलो करते हैं.

उनका कहना है कि इस मुक़दमे के कारण इन जूतों को ईबे पर 2,500 डॉलर में बेचने की उनकी योजना खटाई में पड़ गई है क्योंकि वहां पर इसे उनकी लिस्ट से हटा दिया गया है. वो कहते हैं, "साधारण तरीक़े से देखा जाए तो नाइकी का यह मुक़दमा और उनका हस्तक्षेप बेतुका है क्योंकि इससे मेरे जैसे आम लोगों को कितना नुक़सान होगा जो इन जैसी चीज़ों को बनाते हैं और उन्हे क़ानूनी तरीक़ों से दोबारा बेचते हैं."

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

BBC Hindi
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Nike, an international brand that makes footwear and sports goods, has won the controversial case of 'shatan shoes' against the art collective MSCHF in Brooklyn.
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X