गोवा अस्पताल में 26 कोरोना मरीजों की मौत, मरीजों और डॉक्टरों ने बताया था ऑक्सीजन संकट की बात
पणजी। गोवा के सरकार द्वारा संचालित गोवा मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल (GMCH) में मंगलवार को 26 कोरोना वायरस सुबह कोहराम मच गया। यहां 26 कोरोना मरीजों की मौत हो गई। इसे लेकर हाहाकार मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते 4 घंटे के भीतर ये मौतें हुई हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने हाईकोर्ट से मांग की है कि मामले की जांच कराई जाए क्योंकि राज्य में ऑक्सीजन की कमी का कोई मुद्दा नहीं है। लेकिन वहीं यह भी कहा जा रहा है कि ऑक्सीजन की कमी को लेकर हादसे के 6 दिन पहले गोवा एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स ने GMCH के डीन को चिट्ठी लिखी थी और संकट की बात बतायी थी।
बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान इस बात का खुलासा हुआ। सुनवाई के दौरान डीन बांदेकर ने भी माना है कि अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई में समस्या थी। उन्होंने यह भी माना कि मौतें इसी के चलते हुई हैं। हाईकोर्ट ने इसके बाद कहा कि हमारे सामने जो भी सबूत रखे गए हैं, वे स्थापित करते हैं कि मरीज कष्ट से गुजर रहे थे और कुछ मामलों में तो ऑक्सीजन की कमी से मर भी रहे थे। गोवा के सलिगांव के रहने वाले डेलाने ने बताया कि जीएससीएच में जिन लोगों की मौत हुई है उनमें उनके पूर्व टीचर अवितो भी शामिल थे।
डेलानी ने बताया वो लगभग रोजना उनकी हाल लेने अस्पताल जाते थे। उन्होंने बताया कि वो अस्पताल प्रशासन से रात में ऑक्सीजन की कमी पैदा हो जाने के मुद्दे को भी कई दिनों तक उठा चुके थे। डेलानी ने कहा कि उनके ससुर भी इसी अस्पताल में भर्ती है लकिन उस दिन के हादसे में वो बच गए। उन्होंने बताया कि वो इसलिए बच गए क्योंकि उनके पास कोरोना से मर चुके एक मरीज का ऑक्सीजन सिलेंडर था। उन्होंने बताया कि मरीजों के साथ आए कई और लोग इस कमी को उठाने से डर रहे थे, क्योंकि इससे मरीज पर बुरा असर पड़ सकता था। लेकिन एक दिन पूरे वॉर्ड में ऑक्सीजन की कमी पैदा हो गई और मैंने इस घटना के बारे में सोशल मीडिया पर बताना शुरू किया।
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