बेंगलुरु हिंसा मामले में NIA ने 30 जगहों पर की छापेमारी, साजिशकर्ता सादिक अली गिरफ्तार
बेंगलुरु। राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने बेंगलुरु में पिछले महीने भड़की हिंसा की जांच के सिलसिले में गुरुवार को करीब 30 ठिकानों पर छापेमारी की। जांच एजेंसी ने सादिक अली को गिरफ्तार किया है। एनआईए के मुताबिक, 44 वर्षीय सादिक अली दंगे का मुख्य साजिशकर्ता है, जिसने पिछले महीने शहर में दंगा भड़काया। इस हिंसा के दौरान पुलिस फायरिंग में 3 तीन लोगों की मौत समेत कुल चार लोग मारे गए थे।
कांग्रेस विधायक के एक रिश्तेदार की तरफ से अपमानजनक पोस्ट सोशल मीडिया पर डालने के बाद यह 11 अगस्त की रात को दंगा भड़क उठी थी। एनआईए ने औपचारिक रूप से इस दंगा केस की जांच मंगलवार को अपने हाथों में लिया। इसने बताया कि सादिक अलीग दंगे वाली रात से ही फरार चल रहा था। एजेंसी ने आगे कहा कि तलाशी के दौरान उन्होंने एयरगन, पैलेट्स, धारदार हथियार और लोहे के रड बरामद किए। उसने कहा कि छापे के दौरान कुछ डिजिटल डिवाइस और सोशल डेमोक्रेकिट पार्टी ऑफ इंडिया और स्टुडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) से जुड़े कई आपत्तिजनक कागजात बरामद किए हैं।
अधिकारी के मुताबिक इस मामले में एक साजिशकर्ता सादिक अली को भी गिरफ्तार किया गया जो बेंगलुरु का ही रहने वाला है। सादिक अली पर आरोप है कि वह 11 अगस्त 2020 की देर शाम बंगलुरु के केजी हल्ली पुलिस स्टेशन पर हुए हमले में शामिल था। इस हमले के दौरान सार्वजनिक और सरकारी संपत्ति का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था। साथ ही दंगाइयों ने थाना परिसर और आसपास के इलाकों में खड़े पुलिस वाहनों तथा अन्य वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया था। सादिक इस मामले में दंगे के बाद से ही फरार चल रहा था।
यह दंगा बेंगलुरु के पुलकेशीनगर के विधायक के भतीजे द्वारा एक सोशल कमेंट किए जाने के बाद भड़का था और आरोप है कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के राज्य सचिव मुजम्मिल पाशा और पीएफआई के लोगों द्वारा इनके घरों पर हमला बोला गया तथा अनेक जगहों पर दंगे किए गए। एनआईए को उम्मीद है कि इस मामले में सादिक की गिरफ्तारी एक अहम कड़ी है जिससे पूछताछ के दौरान अनेक खुलासे हो सकते हैं और दंगे की पीछे की पूरी साजिश का खुलासा हो सकता है।