पुलवामा हमला: NIA को मिली हमले में प्रयोग कार की सीसीटीवी फुटेज, जांच में बेनकाब हुआ पाकिस्तान
नई दिल्ली। नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) का कहना है कि वह पुलवामा आतंकी हमले मामले की जांच पूरी करने के करीब है। उसके पास इस बात के सुबूत हैं जो इस तरफ इशारा करते हैं कि जैश-ए-मोहम्मद के चार या पांच आतंकियों की ओर से इस पूरे हमले को अंजाम दिया गया था जिसमें सुसाइड बॉम्बर आदिल अहमद डार भी शामिल था। एनआईए से जुड़े सूत्रों की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है और जांच में डार और एक लोकल हैंडलर का भी नाम है।
कार की सीसीटीवी फुटेज मिली
सूत्रों के मुताबिक एनआईए को उस लाल एको कार की सीसीटीवी फुटेज भी हासिल हो गई है जिसका प्रयोग पुलवामा आतंकी हमले में किए जाने की संभावना है। वीडियो हमले से कुछ समय पहले ही रिकॉर्ड हुआ था। 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले में आत्मघाती हमलावर ने कार को सीआरपीएफ की बस से ले जाकर भिड़ा दिया था। एनआईए सूत्रों की ओर से कहा जा रहर है कि सीसीटीवी फुटेज में साफ नजर आ रहा है कि हमले से पहले आदिल अहमद डार उसी कार को ड्राइव कर रहा है। एनआईए ने कार के मालिक की पहचान कर ली है लेकिन हमले के बाद से ही उसका कुछ पता नहीं चल रहा है।
साल 2011 की कार
बताया जा रहा है कि यह कार साल 2010-2011 का मॉडल है जिसे दोबारा पेंट किया गया था। जांच टीमों को कार के शॉकर्स भी हमले वाली जगह से बरामद हुए हैं। इन शॉकर्स से यह पता लग सकता है कि कार असल में किस वर्ष की है। यह कार कश्मीर में आठ वर्ष पहले रजिस्टर हुई थी। आतंकी इस कार का प्रयोग कर रहे हैं, इस बारे में मालिक को पूरी जानकारी थी। टीम के एक जांचकर्ता ने अपना नाम न बताने की शर्त पर कहा है कि इस हमले में पाकिस्तान शामिल है, इस बात के पूरे सुबूत हैं।
25 किलोग्राम आरडीएक्स लेकर घूम रहा था डार
डार ने जिस कार को बस से टकराया उसमें करीब 25 किलोग्राम आरडीएक्स था जिसे एक कंटेनर में रखा गया था। अभी इस बात की जांच जारी है कि कैसे जैश के आतंकी इतना आरडीएक्स, कश्मीर लाने में सफल हो पाए। जांचकर्ताओं का मानना है कि आरडीएक्स को सीमा के दूसरी तरफ से लाया गया था। एनआईए को इस बात की जानकारी भी मिली है कि डार पिछले वर्ष मार्च से ही जैश के साथ सक्रिय था। इसी समय वह अपने घर से लापता हो गया था। आदिल सीआरपीएफ को पंसद नहीं करता था क्योंकि सुरक्षाबलों ने मई या जून 2018 में उसके घर में आग लगा दी थी।
जैश ने किया था ऐसे हमले की तरफ इशारा
जैश के दो जून 2018 के बयान पर पर भी एनआईए का ध्यान गया है। इस समय सुरक्षाबलों पर श्रीनगर की फतेह कादल और बादशाह चौक पर ग्रेनेड से हमला किया गया था। यह हमला जैश के आतंकियों ने ऑपरेशन बदर के तहत किया था। उस समय स्थानीय एजेंसी जीएनएस ने जैश प्रवक्ता के हवाले से कहा था कि सुरक्षाबलों ने पुलवामा में उनके साथी डार के काकापोरा स्थित घर में आग लगाकर बहुत ही शर्मनाक काम करने की कोशिश की है। इसके साथ ही बयान में जम्मू और कश्मीर में हर आर्मी कैंप को निशाना बनाने की धमकी भी दी गई थी। जांचकर्ताओं का मानना है कि एक लोकल हैंडलर ने डार को रैडेक्लाइज किया था।