मक्का मस्जिद बम धमाका केस में असीमानंद को बरी करने वाले NIA के जज ने दिया इस्तीफा
करीब 11 साल बाद इस मामले में फैसला सुनाया गया जिसमें स्वामी असीमानंद समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया।
नई दिल्ली। हैदराबाद के मक्का मस्जिद बम धमाका मामले में सभी आरोपियों को बरी करने वाले एनआईए की विशेष अदालत के जज रवींद्र रेड्डी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। करीब 11 साल बाद इस मामले में फैसला सुनाया गया जिसमें स्वामी असीमानंद समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया। रेड्डी के इस्तीफे की वजह अभी साफ नहीं हो पाई है। हालांकि, सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि रेड्डी ने निजी वजहों से अपना इस्तीफा दिया है।
हैदराबाद के मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस में नामापल्ली कोर्ट ने सबूतों के अभाव में असीमानंद समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस में सभी आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले के बाद केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय में अंडर सेक्रेटरी रह चुके आरवीएस. मणि ने कहा 'मैं इसी फैसले की उम्मीद कर रहा था। सभी सबूत एक तरह से गढ़े गए थे। नहीं तो इस मामले में हिंदू आतंकवाद का कोई एंगल था ही नहीं।' वहीं इस मामले में एनआईए का कहना है कि कोर्ट के ऑर्डर का अध्ययन करने के बाद आगे के एक्शन को लेकर फैसला किया जाएगा।
मक्का मस्जिद बम धमाका मामले की शुरुआती जांच हैदराबाद पुलिस ने की थी। इसके बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने यह मामला अपने हाथ में ले लिया था। सीबीआई ने शुरुआती जांच-पड़ताल के बाद केस में आरोप पत्र दाखिल किया। इसके बाद वर्ष 2011 में यह केस राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के पास ट्रांसफर कर दिया गया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मामले में स्वामी असीमानंद के खिलाफ जांच की। इसके बाद एनआईए मामलों की विशेष अदालत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए बीते दिनों इस केस की सुनवाई कर फैसले को सोमवार तक के लिए टाल दिया था। सोमवार को फैसला आने के बाद एनआईए ने कहा है कि वह फैसले के अध्ययन के बाद वह इन आरोपियों की रिहाई पर कोई प्रतिक्रिया देगी।
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