असम के आरटीआई कार्यकर्ता अखिल गोगोई को एनआईए कोर्ट से मिली जमानत
असम के आरटीआई कार्यकर्ता अखिल गोगोई को एनआईए कोर्ट से मिली जमानत
नई
दिल्ली।
असम
के
जाने-माने
आरटीआई
कार्यकर्ता
एवं
किसान
नेता
अखिल
गोगोई
को
एनआईए
कोर्ट
ने
चबुआ
केस
के
तहत
गुरुवार
को
जमानत
दे
दी
है।
उन्हें
UAPA
अधिनियम
के
तहत
गिरफ्तार
किया
गया
था।
आरटीआई
कार्यकर्ता
एवं
कृषक
मुक्ति
संग्राम
समिति
के
नेता
अखिल
गोगोई
कई
महीनों
से
जेल
में
बंद
थे।
जुलाई माह में उनकी सेहत को लेकर चिंता जताई गई थी। उनकी पत्नी, सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनेताओं ने उन्हें रिहा किए जाने की अपील की थी। गुवाहाटी उच्च न्यायालय की एक पीठ ने किसान नेता अखिल गोगोई की एक अर्जी को सोमवार को स्वीकार कर लिया था।
गोगोई ने असम में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन में कथित भूमिका के संबंध में दर्ज मामले में एनआईए की विशेष अदालत द्वारा जमानत को खारिज करने को चुनौती दी थी । न्यायमूर्ति कल्याण राय सुराना और न्यायमूर्ति अजित बोरठाकुर की पीठ ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को 13 अक्टूबर को मामले का रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया था। एनआईए की विशेष अदालत ने (चांदमारी थाने में दर्ज मामले में) गोगोई की जमानत याचिका को सात अगस्त को खारिज कर दिया था ।
कृषक मुक्ति संग्राम समिति के प्रमुख गोगोई कोविड-19 से संक्रमित पाए गए थे और वर्तमान में उनका गौहाटी चिकित्सा कॉलेज और अस्पताल में उपचार चल रहा है । राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के मद्देनजर गोगोई को ऐहतियाती तौर पर पिछले साल 12 दिसंबर को जोरहाट से गिरफ्तार किया गया था। अगले दिन उनके तीन सहयोगियों को भी हिरासत में लिया गया था। हिंसक प्रदर्शन में कथित भूमिका और माओवादी तत्वों के साथ उनके संभावित जुड़ाव को लेकर उन्हें एनआईए के हवाले कर दिया गया था। एनआईए प्रदर्शनों में गोगोई और उनके तीन सहयोगियों की कथित भूमिका के संबंध में दो मामलों की जांच कर रही है। इस मामले में उस समय चांदमारी और चाबुआ थाने में मामले दर्ज किए गए थे।
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