जासूसी के लिए नौसेना अधिकारियों को पैसे भेजने वाले एक पाकिस्तानी हैंडलर को NIA ने गिरफ्तार किया
नई दिल्ली। नेशनल इंवेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को विजैग जासूसी मामला उर्फ 'डॉल्फिन नोज' ऑपरेशन के एक प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसमें कथित तौर पर भारतीय नौसेना के जवानों पर एक पाकिस्तानी हैंडलर को संवेदनशील जानकारी देने का आरोप है।
मुख्य आरोपी हाजी अब्दुल रहमान लकड़ावाला मुंबई का रहने वाला है, जो कि पाकिस्तानी हैंडलर था, जिसके जरिए पाकिस्तान ने कथित तौर पर नौसेना के अधिकारियों को पैसे दिए थे।
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गौरतलब है पिछले साल 20 दिसंबर को आंध्र प्रदेश खुफिया विभाग ने भारतीय नौसेना में एक जासूसी रैकेट का भंडाफोड़ किया था और सात नाविकों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार नाविकों में से तीन विशाखापत्तनम से थे जबकि दो करवार नौसैनिक अड्डे से और दो मुंबई के नौसैनिक अड्डे से थे, जिन पर एक पाकिस्तानी हैंडलर को कथित तौर पर नौसैनिक जहाजों और पनडुब्बियों के स्थानों की संवेदनशील सूचना देने का आरोप है।
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सभी सात नाविकों को 2017 में भर्ती किया गया था और सूत्रों ने दावा किया था कि वे सितंबर 2018 में एक हनीट्रैप में फंस गए थे। इन युवकों को पहले तीन या चार महिलाओं द्वारा फेसबुक पर संपर्क किया गया और उन्हें एक ऑनलाइन रिश्ते में फंसाया गया। महिलाओं ने बाद में उन्हें एक ऐसे व्यक्ति से मिलवाया, जो एक व्यापारी के भेष में आया था, लेकिन वास्तव में वह एक पाकिस्तानी हैंडलर था और उसने नाविकों से जानकारी लेना शुरू कर दिया था।
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बताया जाता है कि जिन नाविकों के साथ महिलाओं की चैटिंग होती थी, वे स्वभाव से कामुक थी, जिन्होंने बाद में उन्हें भारतीय युद्धपोतों और पनडुब्बियों की स्थिति और मूवमेंट का खुलासा करने के लिए ब्लैकमेल भी किया था। एक नाविक को हवाला के माध्यम से हर महीने पैसे का भुगतान भी किया जाता था।
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वर्ष 2019 में उस महीने के अंत में आंध्र प्रदेश के काउंटर इंटेलिजेंस सेल ने चार और गिरफ्तारियां कीं। इनमें तीन मुंबई नेवल बेस से थी और एक कारवार नेवल बेस से गिरफ्तारियां की गईं थी। उक्त सभी 11 नाविक सितंबर 2018 में एक हनीट्रैप में फंस गए थे और कथित तौर पर संवेदनशील जानकारी देने के लिए हवाला के माध्यम से धन प्राप्त किया था। इस मामले में मुंबई के एक हवाला ऑपरेटर को भी गिरफ्तार किया गया।
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