इंसेफेलाइटिस का कहर: NHRC ने बिहार सरकार से मांगी रिपोर्ट, सीएम ने बैठक कर लिए बड़े फैसले
नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मुजफ्फपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) के कारण हो रहीं बच्चों की मौत पर संज्ञान लिया है। आयोग ने बच्चों की मौत के लिए मुख्य सचिव बिहार और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से इस मामले पर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। एनएचआरसी ने इस बीमारी से बचने के लिए अभी तक क्या क्या उपाय किए गए हैं, उसकी भी स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है। बता दें इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि, मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच हॉस्पिटल में 100 बिस्तर का बच्चों का आईसीयू बनाने का राज्य सरकार निर्देश दिया। पड़ोसी जिलों में केंद्र के सहयोग से 10 आईसीयू स्थापित किए जाएंगे।
सोमवार को भयावह हालात को देखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केंद्र व राज्य सरकारों से जवाब-तलब किया है। एनएचआरसी ने इस बीमारी से बचने के लिए अभी तक क्या क्या उपाय किए गए हैं, उसकी भी स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है। आयोग ने बच्चों को अभी तक क्या क्या इलाज मुहैया कराए गए हैं इस बात की भी जानकारी राज्य सरकार और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से मांगी है। आयोग ने संबंधित विभाग और अधिकारी से चार हफ्तों में जवाब देने को कहा है।
बता दें कि बिहार के एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में रोजाना दिमागी बुखार से पीड़ित बच्चों के आने का सिलसिला जारी है। राज्य सरकार के अनुसार अभी तक मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (एसकेएमसीएच) में 85 तथा केजरीवाल अस्पताल में 18 बचचों की मौत हुई है। राज्य सरकार के अनुसार इस साल एईएस से अभी तक 103 मौतें हुईं हैं।
पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हाई लेवल बैठक की है। इसमें स्वास्थ्य मंत्री समेत कई आला अधिकारी शामिल रहे। बैठक में बीमारी की स्थिति की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री की हाई लेवल बैठक में यह फैसला किया गया कि एईएस के मरीज को अस्पताला लाने के लिए सरकारी एंबुलेंस तो फ्री हैं ही, निजी एंबुलेंस या वाहन के भाड़ा को भी सरकार वहन करेगी। निजी अस्पतालों में भी इलाज सरकारी खर्चे पर होगा।
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