नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने फॉक्सवैगन पर लगाया 500 करोड़ का जुर्माना
नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने जर्मन की कार बनाने वाली कंपनी फॉक्सवैगन पर 500 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। कंपनी पर ये जुर्माना डीजल कारों में प्रदुषण संबंधी चिपसेट लगाने के लिए लगाया गया है। एनजीटी ने निर्देश दिए हैं कि फॉक्सवैगन को जुर्माने की ये राशि अगले दो महीनों में चुकानी होगी। एनजीटी ने कहा कि कार बनाने वाली कंपनी पर यह जुर्माना गैरकानूनी तरीके से चीप सेट लगाने पर लगाया है।
बता दें कि एनजीटी ने इससे पहले जनवरी में भी फॉक्सवैगन को 100 करोड़ रुपए जमा करने का निर्देश दिया था। लेकिन कंपनी ने इस पर कोई ठोस कदन नहीं उठाया। फॉक्सवैगन पर आरोप है कि उसने अपनी डीजल गाड़ियों में कार्बन उत्सर्जन कम करने की जगह ऐसे चिप सेट का लगाया जिससे प्रदूषण जांच के आंकड़ों में हेराफेरी की जा सके। साल 2015 में कंपनी ने यह बात कबूल की थी कि उसने 2008 से 2015 के बीच 1.11 करोड़ गाड़ियों में डिफिट डिवाइस लगाया था। जानकारी के लिए बता दें कि इस चिप सेट डिवाइस की मदद से लैब टेस्ट के दौरान में कार में होने वाले कार्बन उत्सर्जन के आंकड़ों में छेड़छाड़ की जा सकती है। वहीं कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि वो एनजीटी के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।
National Green Tribunal slaps Rs 500 Crore fine on Volkswagen for damaging environment through the use of 'cheat device' in its diesel cars. Volkswagen has to deposit the amount with Central Pollution Control Board within 2 months. pic.twitter.com/6yTw4OSSPH
— ANI (@ANI) March 7, 2019
Volkswagen Group India Spokesperson: The Volkswagen Group will challenge the order of the National Green Tribunal before the Supreme Court.
— ANI (@ANI) March 7, 2019
मामला सामने आने के बाद कंपनी को भारी भरकम नुकसान उठाना पड़ा है। जर्मनी में ही कंपनी को 8,300 करोड़ रुपए का जुर्माना देना पड़ा है। भारत में एनजीटी को फॉक्सवैगन की गाड़ियों से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की बात सामने आई तो मामले की जांच की गई। हालांकि जांच के बाद कंपनी ने बाजार से 3.23 लाख वाहनों को वापस बुलाकर उसमें नए डिवाइस लगाने की बात कही थी लेकिन फिर कंपनी ने हेराफेरी कर दी। एनजीटी एक स्कूल शिक्षक एलवाड़ी की ओर से जारी दायर की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है।
यह भी पढ़ें- GSP से बाहर होने पर नहीं पड़ेगा भारत पर कोई फर्क: नीती आयोग के वीसी राजीव कुमार