Odd-Even के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई से NGT ने किया इनकार
नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली सरकार द्वारा नवंबर में लागू किए जाने ऑड-ईवन के फैसले खिलाफ याचिक पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। दरअसल दिल्ली सरकार ने राजधानी में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए एक बार फिर से 4 नवंबर से ऑड-ईवन लागू करने का ऐलान किया था। इसके बाद माना जा रहा है कि दिल्ली सरकार की ये योजना तय समय से ही लागू होगी।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका की स्थिरता पर सवाल उठाए और इसे खारिज कर दिया। सुनवाई के दौरान जस्टिस गोयल ने गौरव बंसल से ने पूछा कि आखिर कौन से नियम के आधार पर इस याचिका को दायर किया गया है। दरअसल याचिका करता गौरव बंसल ने याचिका में कहा गया था केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर ऑड-ईवन योजना के प्रभाव का आकलन किया और यह पाया कि इसके क्रियान्वयन अवधि में शहर की वायु गुणवत्ता इसके लागू नहीं रहने की अवधि की तुलना में और खराब हो गई।
ऐसे में अन्य देशों के लोगों द्वारा किये गए महज एक अध्ययन के आधार पर ऑड-इवेन योजना को दिल्ली सरकार का लागू करना ना सिर्फ अप्रिय है बल्कि यह सीपीसीबी और डीपीसीसी जैसी संस्थाओं की साख भी गिराएगा। दिल्ली में 4 से 15 नवंबर के बीच सम-विषम योजना लागू करने के आम आदमी पार्टी सरकार के फैसले के खिलाफ राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) में 16 सितंबर को याचिका दायर की गई थी।
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 13 सितम्बर को कहा था कि ओड-ईवन योजना पराली प्रदूषण पर सात सूत्री कार्य योजना का हिस्सा है। याचिका के जरिए दिल्ली सरकार को अन्य देशों द्वारा किए गए उन अध्ययनों को सौंपने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
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