पतंग उड़ाने में इस्तेमाल होने वाली 'जानलेवा' मांझे पर रोक, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का फैसला
एनजीटी पैनल ने साफ कर दिया है कि ये बैन नायलोन मांझा और ग्लास कोटिंग के कोटन मांझे पर भी लागू होगा।
नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने देशभर मे पतंग उड़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाले मांझे की खरीद-बिक्री, स्टोरेज और इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगा दी है। ये रोक नायलोन मांझा और ग्लास कोटिंग के कोटन मांझे पर भी लगाई गई है।
एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने सभी राज्यों की सरकारों को निर्देश जारी कर सिंथेटिक मांझा की मैन्युफैक्चरिंग, खरीद-बिक्री, और स्टोरेज पर रोक लगाने को कहा है। एनजीटी ने सभी तरह के सिथेंटिक धागे पर रोक लगाने को कहा है जिनका इस्तेमाल पतंग उड़ाने में किया जाता है। एनजीटी ने माना है कि मांझे का इस्तेमाल, चिड़िया, जानवर और इंसान सभी के जीवन के लिए खतरा है।
एनजीटी पैनल ने साफ कर दिया है कि ये बैन नायलोन मांझा और ग्लास कोटिंग के कोटन मांझे पर भी लागू होगा। एनजीटी के बेंच ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को अपने राज्य में चाइनीज मंझे समेत सभी सिंथेटिक मंझे के इस्तेमाल पर रोक लगाने का निर्देश दिया है।
एनजीटी का ये फैसला पेटा (PETA) की तरफ से डाली गई याचिका के बाद आया है जिसमे कहा गया था कि मंझे के इस्तेमाल से हर साल कई जानवरों और इंसानों की मौत हो रही है। याचिका में ये भी कहा गया था कि मंझा को बनाने के काम में छोटे-छोटे बच्चों को लगाया गया है जो उनकी सेहत के लिए बड़ा खतरा है।