आर्ट ऑफ लिविंग यमुना की जैव विविधता नष्ट करने का दोषी करार, जरूरत पड़ने पर और रकम वसूलने के आदेश
नई दिल्ली। साल 2016 में विश्व सांस्कृतिक महोत्सव आयोजित करने की वजह से यमुना क्षेत्र में हुए नुकसान के लिए राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) ने श्री श्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग (AOL) को जिम्मेदार बताया है। वहीं NGT की ओर से जिम्मेदार ठहराए जाने के बाद AOL ने फैसला किया है कि वो सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। न्यायाधिकरण के अध्यक्ष स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने AOL पर पर्यावरण मुआवजा बढ़ाने से इनकार किया। पीठ ने कहा कि AOL की ओर से जमा कराए गए 5 करोड़ रुपए का इस्तेमाल कर यमुना के डूब क्षेत्र को पहले की हालत में लाने के इंतजाम किए जाएं। पीठ ने विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के आधार पर AOL को नुकसान के लिए जिम्मेदार ठहराया।
पीठ ने दिल्ली विकास प्राधिकरण को भी निर्देश दिया कि वो यमुना के डूब क्षेत्र में हुए नुकसान और रिपोर्ट में की गई सिफारिशों के अनुसार पहले की हालत में लाने के लिए होने वाले खर्च का भी आकलन करें। पीठ ने यह कहा कि अगर यमुना के डूब क्षेत्र को खर्च करने में अगर और राशि लगे तो उसे AOL से वसूला जाएगा। इसके साथ ही यदि खर्च कम हुआ तो उसे AOL को वापस किया जाएगा।
इससे
पहले
इसी
साल
अप्रैल
में
जुर्माना
लगाए
जाने
पर
श्री
श्री
रविशंकर
ने
कहा
था
कि
जुर्माना
सरकार
और
राष्ट्रीय
हरित
न्यायाधिकरण
(NGT)
पर
लगाया
जाना
चाहिए।
उनका
कहना
था
कि
संस्था
ने
सभी
जरूरी
निकायों
से
मंजूरी
ली
थी।
इतना
ही
नहीं
NGT
को
भी
कार्यक्रम
के
दो
माह
पहले
कार्यक्रम
स्थल
की
स्वीकृति
के
लिए
आवेदन
किया
गया
था।
रविशंकर
ने
कहा
था
कि
अगर
NGT
चाहता
तो
वो
कार्यक्रम
को
रोक
सकता
था।
उन्होंने
कहा
कि
यह
गलत
है
कि
इतने
अच्छे
आयोजन
और
बिना
किसी
नियम
के
उल्लंघन
के
भी
जुर्माना
लगाया
गया।
जो
एक
तमाचा
है।