मंदीप कौर की मौत की गुत्थी पर उलझी न्यूयॉर्क पुलिस, नहीं हो पा रहा अंतिम संस्कार
मंदीप की मौत के एक हफ़्ते से अधिक समय बीत जाने के बाद भी यह तय नहीं हो पाया है कि क्या उनकी मौत वाक़ई आत्महत्या थी?
नई दिल्ली, 12 अगस्त। न्यूयॉर्क में भारतीय मूल की महिला मंदीप कौर की कथित तौर पर आत्महत्या से मौत के एक हफ़्ते से अधिक समय बीत जाने के बाद भी यह तय नहीं हो पाया है कि क्या उनकी मौत वाक़ई आत्महत्या थी?
इस बीच मंदीप कौर की लाश न्यूयॉर्क के रिचमंड हील इलाके के ही एक फ़्यूनरल होम में रख दी गई है और उनके अंतिम संस्कार पर भी विवाद के साए मौजूद हैं.
मंदीप कौर का परिवार चाहता है कि उनका अंतिम संस्कार भारत में किया जाए. जबकि मंदीप कौर के पति रणजोतबीर सिंह संधू उनका अंतिम संस्कार अमरीका में ही करना चाहते हैं. लेकिन चूंकि अभी पुलिस जांच इस मामले में यह तय नहीं कर पाई है कि मंदीप कौर ने पति की घरेलू हिंसा और प्रताड़ित किए जाने के कारण तंग आकर आत्महत्या की है, इसलिए मंदीप की लाश और उनकी दो छोटी बच्चियों की कस्टडी क़ानूनी तौर पर उनके पति को ही हासिल है.
रिचमंड हील के इलाके में मंदीप कौर के घर पर अभी उनके पति नहीं रह रहे हैं. परिवार के संबंधियों ने बताया कि पुलिस ने उनके पति से कहा है कि वह सुरक्षा कारणों से अभी अपने घर में न रहें. इसलिए दोनों बच्चियों के साथ मंदीप कौर के पति फ़िलहाल किसी गुमनाम जगह पर रह रहे हैं.
उनके घर के सामने वाले हिस्से में बच्चों के कई बिखरे हुए खिलौने देखे जा सकते हैं.
आसपास रहने वाले लोग इस हादसे से स्तब्ध हैं लेकिन उनमें से अधिकतर इस हादसे के बारे में बात करने से कतरा रहे हैं. एक पड़ोसी ने नाम बताए बगैर यह कहा कि "यह बहुत ही दुखद हादसा है और जो भी समस्या रही हो लेकिन हालात इस हद तक नहीं पहुंचने चाहिए थे."
दो को नहीं एक अगस्त को हुई थी मौत
परिवार के संबंधियों के अनुसार अगस्त की पहली तारीख को 30 वर्षीय मंदीप कौर ने अपनी चुन्नी से फांसी लगा ली थी. एक वीडियो जो कहा जा रहा है कि मंदीप कौर ने फांसी से पहले रिकॉर्ड किया था जिसमें वह अपने पति द्वारा प्रताड़ित किए जाने का रो रो कर बयान करती दिख रही हैं.
वीडियो में मंदीप कौर ने कहा कि उनका पति उनको मारता पीटता है और अब वह और सहन नहीं कर सकती. कहा जाता है कि इसी के बाद उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
हालांकि अमेरिका से एक डिजिटल चैनल को दिए इंटरव्यू में मंदीप के पति ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो पांच साल पुराना है और इनकी शादी शुदा ज़िंदगी काफ़ी अच्छी थी.
2018 में भारत से अमरीका आने के बाद मंदीप कौर अपने परिवार के साथ रिचमंड हिल इलाके में ज्ञानी रंजीत सिंह के घर के उपरी हिस्से में किराए पर रहती थीं.
रंजीत सिंह अब मंदीप कौर के परिवार के निकट संबंधी हैं जो अब इस हादसे से जुड़े सारे मामले की देख रेख कर रहे हैं.
ज्ञानी रंजीत सिंह मंदीप कौर की मौत के बारे में बताते हुए कहते हैं, "मुझे जब 1 अगस्त को पता चला कि मंदीप ने खुदकुशी करने की कोशिश की तो उसी समय हमारे परिवार वाले उनके घर पहुंचे और मंदीप को चुन्नी का बना हुआ फंदे में लटका पाया, उनको जल्दी से उतारा गया और उस समय उन्में जान बाक़ी थी. उनको एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया. लेकिन अस्पताल पहुंच कर उनकी मौत हो गई."
हालांकि भारत में मंदीप कौर के परिवार ने बीबीसी हिंदी को बताया है कि मंदीप कौर की मौत दो अगस्त को हुई थी. ऐसे में बहुत संभव है कि उन्हें अगले दिन ख़बर मिली होगी.
रंजीत सिंह बताते हैं कि इससे पहले भी उन्होंने मंदीप कौर और उनके पति के बीच घरेलू मामले को अदालत में ले जाने में मदद की थी, और बाद में मंदीप कौर ने पति के ख़िलाफ़ केस वापस ले लिया था.
मंदीप का पति ट्रक ड्राईवर है. मंदीप के परिवार वाले कहते हैं कि वह बेटा न पैदा होने के कारण मंदीप कौर पर ज़िम्मेदारी डालते हुए प्रताड़ित करता था. और मंदीप से कहता था कि वह अपने परिवार वालों से लाखों रूपए की रकम मांगे.
अंतिम संस्कार पर सवाल
इस बीच एक और वीडियो सामने आया है जिसमें एक व्यक्ति एक महिला के साथ मारपीट करता दिख रहा है. कहा जा रहा है कि वह महिला मंदीप कौर हैं और उनके साथ उनका पति मार पीट करता बताया जा रहा है. और इस वीडियो में छोटे बच्चों के सिसकने की भी आवाज़ें सुनाई दे रही हैं.
भारत में मंदीप कौर का परिवार चाहता है कि उनके पति को न्यूयॉर्क पुलिस फ़ौरन गिरफ़्तार कर ले और उनकी दो छोटी बच्चियों को, जो 6 और 4 वर्ष की हैं, उनको भारत में नाना नानी के पास भेज दिया जाए.
इस मामले में न्यूयॉर्क में मंदीप कौर के परिवार की ओर से सरकारी कार्रवाई में मदद करने वाले लोगों में संजीव जिंदल और सुखजिंदर सिंह निज्जर भी शामिल हैं.
यह लोग परिवार से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं और मंदीप कौर मामले में पुलिस के साथ सहयोग जारी है और अन्य अधिकारीगण और भारतीय दूतावास आदि से मदद भी ली जा रही है. इनकी यह भी कोशिश है कि मंदीप के माता पिता को भारत से अमरीका आने का वीज़ा दे दिया जाए जिससे वह खुद भी मंदीप कौर के अंतिम संस्कार आदि का आयोजन कर सकें.
संजीव जिंदल कहते हैं, "हमें सबसे बड़ी दिक़्क़त यह है कि हमें अभी तक इस मामले में पुलिस से प्रारंभिक रिपोर्ट भी नहीं मिली है. जांच में तो समय ज़रूर लगता है लेकिन अब एक हफ़्ते से अधिक समय हो गया है उस हादसे को हुए लेकिन पुलिस अभी भी यह नहीं तय कर पाई है कि क्या इसको आत्महत्या कहा जाए या इसमें किसी को ज़िम्मेदार भी ठहराया जाए."
बीबीसी ने पुलिस विभाग से इस मामले में अपडेट मांगा तो न्यूयॉर्क पुलिस विभाग के प्रवक्ता ने जवाब में कहा कि "अभी कोई अपडेट नहीं है. मौत के कारण के बारे में मेडिकल इकज़ामिनर से संपर्क करें."
मेडिकल इकज़ामिनर के दफ्तर से संपर्क करने पर रिपोर्ट लिखे जाने तक कोई अपडेट नहीं मिला है. इस बीच सिख समुदाए में और अन्य दक्षिण एशियाई मूल के लोगों में भी इस मामले में पुलिस की जांच में देरी को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है.
इस बीच मंदीप कौर के बच्चों की सुरक्षा और उनके भविष्य को लेकर भी सिख समुदाय में चिंता है.
सुखजिंदर सिंह निज्जर कहते हैं कि जांच तो ठीक तरह से होनी चाहिए लेकिन मंदीप कौर के दो छोटे बच्चों की देखभाल और उनके भविष्य को सुरक्षित करने पर भी ज़ोर दिया जाना चाहिए.
सुखजिंदर सिंह निज्जर कहते हैं, "जो वीडियो सामने आ रहे हैं उनमें कुछ पुराने भी हैं. मैं यह चाहता हूं कि इस मामले में पूरी जांच हो और सारे पक्षों को सुना जाए. इस मामले में न्याय हो और जो भी इसका ज़िम्मेदार है उसको सज़ा मिले. लेकिन अभी हमको दो छोटे बच्चों और उनके भविष्य का ख्याल रखना है."
अब दक्षिण एशियाई समुदाए में यह बहस शुरू हो गई है कि घरेलू हिंसा के मामलों में किस तरह पीड़ित लोगों की समय रहते मदद की जाए जिससे मंदीप कौर जैसे हादसे न होने पाएं.
एशियाई समुदाय की चिंता
सुखजिंदर सिहं निज्जर कहते हैं, "हमने अब कुछ ग्रुप्स बनाए हैं जो लोगों में इस तरह के मामलों के बार में जानकारी बढ़ाने के साथ साथ जानकार लोगों द्वारा घरेलूं हिंसा या कोई भी अन्य सामाजिक सम्सया से पीड़ित लोगों की फौरन मदद की जा सके."
न्यूयॉर्क में मंदीप कौर को न्याय दिलाने के लिए और घरेलू हिंसा के खिलाफ़ आवाज़ उठाने के लिए कई मानवाधिकार संस्थाएं और दक्षिण एशियाई समुदाए के लोग भी प्रदर्शनों में भाग ले रहे हैं. सखी, मानवी, जहाजी सिस्टर्ज़ और देसीज़ राईज़िंग अप एंड मूविंग या ड्रम जैसी संस्थाएं विरोध प्रदर्शनों के आयोजकों में शामिल हैं.
मंदीप कौर के पड़ोस में रहने वाली जेसिका भी चाहती हैं कि मंदीप कौर को न्याय मिले. जेसिका ने कहा, "मैं समझती हूं कि महिलाओं के भी बराबर के अधिकार होते हैं और उनके साथ ऐसा बर्ताव नहीं किया जाना चाहिए. पुरूषों को महिलाओं का सम्मान करना चाहिए. पुरुषों को घरेलू हिंसा बिलकुल नहीं करना चाहिए. इससे बच्चों पर भी बुरा असर पड़ता है."
नज़दीक ही रहने वाले एड्रियन भी इस त्रासदी से दुखी हैं, "यह दुखद है. और खासकर घरेलू हिंसा बिलकुल नहीं करना चाहिए. यह बिलकुल ग़लत है. महिलाओं का सम्मान किया जाना चाहिए."
अमरीका में भारतीय दूतावास और न्यूयॉर्क में कांउसिलवास भी इस मामले में सिख समुदाए के साथ सहयोग कर रहा है. अब सबकी नज़रें न्यूयॉर्क पुलिस विभाग पर लगी हैं कि वह इस मामले में मंदीप कौर की मौत को आत्महत्या क़रार देता है या फिर इसके लिए किसी की ज़िम्मेदारी भी तय करता है.
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