अमेरिका: नाबालिग का यौन शोषण करने पर भारतीय पादरी को 6 साल की सजा
नई दिल्ली। अमेरिका में एक नाबालिग का यौन शोषण करने के जुर्म में भारत के एक पूर्व रोमन कैथोलिक पादरी को 6 साल की सजा सुनाई गई है। रैपिड सिटी जर्नल अखबार के मुताबिक, 38 साल के प्रवीण 38 ने रैपिड सिटी चर्च में 13 साल की लड़की को गलत तरीके से छूने का जुर्म फरवरी में स्वीकार किया था। जज स्टीवन मैंडल ने इस मामले में शुक्रवार को पूर्व रोमन कैथोलिक पादरी को सजा सुनाई।
मामले की सुनवाई के दौरान जज मैंडल ने कहा कि दोषी के लिए ये सजा पर्याप्त नहीं है। जज ने दोषी को 6 साल की सजा सुनाई और कहा कि उसे तीन साल बाद परोल मिल सकती है। इस सजा में जेल में गुजारे 178 दिन भी शामिल हैं। प्रवीण को ये सजा तब मिली है जब उसने 16 साल से कम उम्र की नाबालिग को गलत तरीके से छूने का दोष स्वीकार किया था। इस मामले में अधिकतम 15 साल की सजा का प्रावधान है।
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जज ने कहा कि यौन उत्पीड़न के दोषी प्रवीण को अगर पैरोल दी जाती है तो होमलैंड सिक्योरिटी उसे तुरंत हैदराबाद वापस भेज देगी या फिर उसे किसी राज्य में अपनी पैरोल अवधि के दौरान रहना होगा। प्रवीण साल 2017 में रैपिड सिटी डायोसिस में 10 साल के अनुबंध पर शामिल हुआ था। उसने कोर्ट में माफी मांगते हुए कहा कि काश वह अपने किए को वापस ले पाता।
उसने कहा, मैं पीड़ित और उनके परिवार से अपने किए के लिए दिल से माफी मांगता हूं। दोषी ने कहा कि मालूम है जो उसने किया है, उसके लिए माफी काफी नहीं है। उसने कहा कि अब दोबारा वह ऐसी हरकत किसी के साथ नहीं करेगा। जबकि रैपिड सिटी के बिशप ने कहा, 'मुझे इस बात का खेद है कि उन्हें एक पादरी के हाथों इस प्रकार के घिनौने कृत्य का अनुभव करना पड़ा।'